राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त की साजिश, एसओजी करेगी जांच

खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मेरिएट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी
राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त की साजिश, एसओजी करेगी जांच

न्यूज – राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त की जांच अब एसीबी के साथ साथ एसओजी भी करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने जांच शुरू कर दी है, खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  मेरिएट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

साथ ही कहा कि मोदी जी कहते हैं कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे, भारत कांग्रेस मुक्त कभी नहीं होगा, देश की रग-रग में कांग्रेस है, देश के DNA में कांग्रेस है, लेकिन मोदी जी, उनकी सरकार, उनकी पार्टी नेस्तनाबूद हो जाए तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए क्योंकि जनता उनके कारनामों को देख चुकी है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, राज्यसभा के चुनाव दो महीने पहले हो सकते थे, तैयारी हो गई थी, उसके बावजूद अचानक चुनाव को बिना कारण के स्थगित कर दिया गया क्योंकि बीजेपी की होर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी, विधायकों को तोड़ने की साजिश हो रही है, लेकिन राज्यसभा चुनावों में हमारे दोनों उम्मीदवार जीतेंगे।

प्रेस वार्ता के दौरान डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी अपनी बात रखी और कहा कि 'किसी शक नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी निश्चित तौर पर जीतेंगे और कांग्रेस का हर कार्यकर्ता और विधायक एक साथ था, है और रहेगा'

उधर कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता *रणदीप सुरजेवाला* ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चट्टान की तरह मजबूत है, और प्रजातंत्र की मजबूती का जवाब 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनावों में मिल जाएगा. साथ ही कहा कि महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी लोकतंत्र को ध्वस्त करने में जुटी है. कोरोना काल में राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की साजिश की गई. मोदी-शाह प्रजातंत्र का चीरहरण करने की कोशिश कर रहे हैं।

राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होगा, जिसमें के के.सी. वेणुगोपाल और नीरज डांगी दो सीटों पर उम्मीदवार हैं जबकि बीजेपी ने भी दो उम्मीदवार उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनावी मुकाबले को रोचक बना रखा है।

कांग्रेस के पास इस वक्त खुद के 107 विधायक हैं और उसे RLD के एक विधायक, और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है. बीजेपी की बात करें तो उसके पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में कांग्रेस की दो सीट पर जीत पक्की मानी जा रही थी, लेकिन बीजेपी ने मामला फंसा दिया है।

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