अब अपनों से लड़ाई ; विश्वेंद्र सिंह के बयान बाद बेटे का हमला, विश्ववासघात आज यह नया शब्द सीखा

भरतपुर की सियासत पर इस पूरे घटनाक्रम का असर होना तय है,और इसी तरह चलता रहा तो आने वाले विधान सभा चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अब अपनों से लड़ाई ; विश्वेंद्र सिंह के बयान बाद बेटे का हमला, विश्ववासघात आज यह नया शब्द सीखा

राजस्थान की राजनीती में अब अपनों से भी खुलकर कर लड़ाई सोशल मीडिया पर आने लगी है अनलॉक प्रक्रिया के साथ अब राजनेताओ के मुख भी अनलॉक होने लगे है।और गुट बाजी की लड़ाई एक से दूसरे के समर्थन में सोशल मीडिया के माध्यम से मैदान में कूदने लगे है.

वही अब सचिन पायलट के कट्टर समर्थक रहे विश्वेंद्र सिंह के पाला बदलकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे में कूदने की चर्चाओं से सियासत गरमा गई है। विश्वेंद्र सिंह के कल के बयान को उनके खेमा बदलने से जोड़कर देखा गया है। विश्वेंद्र सिंह के बेटे अनिरुद्ध सिंह ने इस बार नाम लिए बिना पिता पर निशाना साधा है। अनिरुद्ध सिंह ने देर रात ट्वीट किया- विश्वासघात, आज यह नया शब्द सीखा है।

अनिरुद्ध सिंह ने अपने पिता विश्वेंद्र सिंह का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर से उधर ही था। बताया जाता है कि आने वाले वक्त में पूर्व राजपरिवार के मतभेद इस मुद्दे पर और गहरा हो सकते हैं। भरतपुर की सियासत पर इस पूरे घटनाक्रम का असर होना तय है। और इसी तरह चलता रहा तो आने वाले विधान सभा चुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

आज ही मैंने सचिन पायलट से बात की है,

विश्वेंद्र सिंह ने कल कहा था मैं अशोक गहलोत के साथ हूं, क्योंकि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री बनाया है। मैं सचिन पायलट के भी साथ हूंं। मैं गहलोत और पायलट दोनों के बीच सेतु का काम कर रहा हूं ताकि कांग्रेस बच सके। आज ही मैंने सचिन पायलट से बात की है, कल भी मैं उनसे मिलने जाउंगा। मैं दोनों से ही मिलता रहता हूं।

इसी बात को लेकर पारिवारिक मतभेद खुलकर सामने आए थे

पिछले दिनों अनिरुद्ध सिंह ने पिता विश्वेंद्र सिंह के खिलाफ ट्विटर पर मोर्चा खोल दिया था, उन पर प्रॉपर्टी बेचने, हिंसक बर्ताव करने, दोस्तों का कारोबार बर्बाद करने सहित कई आरोप लगाए थे। बताया जाता है कि झगड़े की असली जड़ विश्वेंद्र सिंह का गहलोत खेमे में जाना ही था। विश्वेंद्र सिंह की पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह विश्वेंद्र सिंह के पायलट खेमा छोड़ गहलोत खेमे में जाने के खिलाफ हैं। इसी बात को लेकर पारिवारिक मतभेद खुलकर सामने आए थे।

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