हरियाणा के रोहतक में 6 दिन पहले एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. यह जघन्य अपराध किसी अपराधी ने नहीं बल्कि बेटे ने किया है। जिसने अपने माता-पिता, बहन और नानी को मार डाला। पुलिस ने आरोपी बेटे अभिषेक उर्फ मोनू को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया और राज खोल दिया।
अपने माता-पिता और बहन के साथ बीच में आरोपी बेटा अभिषेक।
दरअसल, शुक्रवार की शाम रोहतक जिले के झज्जर चुंगी स्थित शीतल नगर कॉलोनी में यह खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया. जहां घर में घुसकर घर के मुखिया व प्रापर्टी डीलर प्रदीप मलिक (45), उसकी पत्नी बबली (40), बेटी तमन्ना (17) और सास रोशनी (60) पर फायरिंग कर दी गई. पति, पत्नी और सास की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बेटी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
मृतकों के शव।
हत्याकांड के इस मामले में आरोपी बेटे को गिरफ्तार करते हुए रोहतक के एसपी राहुल शर्मा ने बुधवार सुबह प्रेस वार्ता की. पूछताछ में पता चला है कि हत्या का कारण संपत्ति का विवाद था। मृतक पिता प्रदीप ने अपनी सारी संपत्ति बेटे की जगह बेटी तमन्ना के नाम ट्रांसफर कर दी थी। जिसके चलते पिता-पुत्र में अक्सर झगड़ा होता रहता था। इसी वजह से अभिषेक अपने परिवार से नाराज था और उसने पूरी योजना बनाकर इस हत्या को अंजाम दिया।
बता दें कि हत्या के बाद पुलिस ने चार संधिग्धों को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी. लेकिन किसी ने जुर्म नहीं कबूला तो पुलिस को बेटे पर शक हुआ और सोमवार को उसे हिरासत में ले लिया। उससे 3 दिन तक पूछताछ की गई, लेकिन वह अलग-अलग बयान देकर पुलिस को गुमराह करता रहा। बुधवार की सुबह वह टूट गया और सारा सच उगल दिया।
इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अभिषेक उर्फ मोनू मृतक बबलू का इकलौता पुत्र है और जाट कॉलेज का प्रथम वर्ष का छात्र है. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है कि इस घटना में और कौन शामिल है। अपने पूरे परिवार की हत्या करने के बाद आरोपी चारों के शवों को खून से लथपथ कमरे में बंद कर फरार हो गया.
पुलिस गिरफ्तर में आरोपी अभिषेक
घटना के बाद जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची आरोपी भी कुछ देर बाद घर पहुंच गया. फिर उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी सुनाई। आरोपी बेटे ने बताया कि जब यह घटना हुई तो वह अपने दोस्तों के साथ खाना खाने होटल गया था। खाना खाकर जब लौटा तो घर का दरवाजा बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी गेट नहीं खुला। जब मैंने अपने पिता को फोन किया तो फोन भी बंद था। इसके बाद जब मैं खिड़की तोड़कर अंदर गया तो मेरे होश उड़ गए। कमरे में मां, पिता और नानी खून से लथपथ पड़े थे। जब उसने पास जाकर देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी। दूसरे कमरे में बहन पड़ी हुई थी, जिसकी सांसें चल रही थीं। किसी तरह उसे अस्पताल ले जाया गया। पूरा परिवार इस हालत में देखकर दंग रह गया।