क्रिकेट के नियम-कायदों से ‘बैट्समैन’ की छुट्टी, जानें क्यों किया गया ऐतिहासिक बदलाव ?

लैंगिक समानता लाने के लिए क्रिकेट की शब्दावली में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। यह शब्द है 'बैट्समैन।' अब हिंदी में इसे महिलाओं और पुरुषों के लिए समान रूप से बल्लेबाज कहा जाता है, लेकिन अंग्रेजी में यह समान नहीं है और इसे देखते हुए अब 'बैट्समैन' शब्द की जगह ‘बैटर’ (Batter) का इस्तेमाल किया जाएगा।
क्रिकेट के नियम-कायदों से ‘बैट्समैन’ की छुट्टी, जानें क्यों किया गया ऐतिहासिक बदलाव ?

क्रिकेट के खेल में पुरुषों और महिलाओं के लिए समानता लाने के लिए लंबे समय से प्रयास किए जा रहे हैं। खेल के हर प्रारूप में महिलाओं और पुरुषों की समान भागीदारी है, लेकिन कुछ मोर्चों पर अभी भी समानता नहीं है, जिसमें मैचों के व्यापक प्रसारण से लेकर वेतन के मुद्दे शामिल हैं। इन सबके समाधान के लिए अलग-अलग स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं, लेकिन लैंगिक समानता लाने के लिए क्रिकेट की शब्दावली में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। यह शब्द है 'बैट्समैन।' अब हिंदी में इसे महिलाओं और पुरुषों के लिए समान रूप से बल्लेबाज कहा जाता है, लेकिन अंग्रेजी में यह समान नहीं है और इसे देखते हुए अब 'बैट्समैन' शब्द की जगह 'बैटर' (Batter) का इस्तेमाल किया जाएगा।

इस ऐतिहासिक बदलाव का ऐलान बुधवार 22 सितंबर को क्रिकेट नियमों के संरक्षक, लंदन के मशहूर मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने किया और कहा कि खेल को समावेशी बनाने के लिए क्रिकेट के नियमों में संशोधन करने का फैसला किया गया है। इसके तहत क्रिकेट नियमों में हर जगह बैट्समैन की जगह बैटर शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। MCC ने बयान जारी कर कहा कि क्लब की कानून उप-समिति में चर्चा के बाद MCC समिति ने इसे पारित किया और अब क्रिकेट नियमों में लैंगिक-निष्पक्ष शब्द 'बैटर' का इस्तेमाल किया जाएगा।

2017 का प्रयास 2021 में हुआ सफल

क्रिकेट जगत में लंबे समय से इस शब्द को बदलने की मांग उठ रही थी तथा फील्डर और गेंदबाज की तर्ज पर इसे 'बैटर' करने की मांग की जा रही थी, जो अब पूरी हो गई है। 2017 में भी मामले पर चर्चा हुई थी, लेकिन तब कोई बदलाव नहीं हुआ था। एमसीसी ने अपने बयान में कहा की, "2017 में क्रिकेट संचालन की सर्वोच्च संस्था आईसीसी और महिला क्रिकेट से जु़ड़े प्रमुख लोगों के साथ हुई चर्चा के दौरान 'बैट्समैन' को जारी रखने पर सहमति बनी थी।"
MCC ने बयान में कहा है की "इस दरम्यान (2017 के बाद) बैटर शब्द का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ा है और आज लिया गया फैसला उसका ही नतीजा है। 'बैटर' का इस्तेमाल स्वाभाविक है, जो कानूनों में पहले से ही मौजूद फील्डर और बॉलर शब्दों के ही समान है।"

बता दें की मौजूदा दौर में क्रिकेट के नियम तो आईसीसी तय करती है, लेकिन इन कानूनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब भी एमसीसी के पास है, जिसने सबसे पहले 18वीं सदी में क्रिकेट के नियम बनाने शुरू किए थे। एमसीसी दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और सबसे पुराने क्रिकेट क्लबों में से एक है और इसके अंतर्गत लंदन का विश्व प्रसिद्ध लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड भी शामिल है।

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