YO YO Cricket Test: श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड का फरमान‚ टेस्ट में 2KM 8 मिनट में नहीं दौड़े तो सैलेरी कटेगी, आखिर यो यो टेस्ट है क्या?

बॉल और बैट के टैलेंट के इतर अब खिलाड़ियों का फिट रहना भी जरूरी है। ऐसे में​ क्रिकेट प्रेमियों में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये यो यो फिटनेस टेस्ट कौनसी बला है। हालांकि हमारे यहां इस तरह का टेसट धोनी की कप्तानी के दौर में ही आ चुका है।
YO YO Test

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YO YO Cricket Test: श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने एक सख्त फैसला लिया है, इसमें अब खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट से गुजरना होगा। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने नए साल से सभी क्रिकेटरों के लिए फिटनेस के नए मानक तय किए हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि क्रिकेट अब पूरी तरह से बदल चुका है, बॉल और बैट के टैलेंट के इतर अब खिलाड़ियों का फिट रहना भी जरूरी है।

ऐसे में​ क्रिकेट प्रेमियों में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये यो यो फिटनेस टेस्ट कौनसी बला है। हालांकि हमारे यहां इस तरह का टेसट धोनी की कप्तानी के दौर में ही आ चुका है।

आइए आपको बताते हैं कि आखिर YO YO Cricket Test किसे कहते है?
YO YO Test एक सॉफ्टवेयर आधारित टेस्ट है। इसमें हर 20 मीटर पर कोण रखा जाता है, जिसमें खिलाड़ियों को दौड़ना होता है। यो यो टेस्ट बीप टेस्ट का एक रूपांतर है और इसे डेनिश फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेन्स बैंग्सबो द्वारा विकसित किया गया था। आजकल भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए एक खिलाड़ी को यह टेस्ट 16.1 के स्कोर से पास करना होता है।

YO YO Test की अहमियत इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि हम सभी जानते हैं कि खेल की दुनिया में फिटनेस का बहुत मायने रखता है। यही कारण है कि भारत के कई क्रिकेटरों को अच्छी फॉर्म में होने के बावजूद फिट नहीं रहने पर टीम से बाहर बैठना पड़ता है।

फिटनेस एक्पर्ट्स के अनुसार

23 लेवल होते हैं इस टेस्ट में, हर लेवल की अपनी फिटनेस अ​हमियत
YO YO Test के दौरान 23 लेवल होते हैं। इसमें खिलाड़ियों का टेस्ट पांचवें लेवल से शुरू होता है। वहीं पांचवें और नौवें लेवल पर एक शटल होता है। जबकि 11वें स्पीड लेवल में 2 शटल होते हैं। हर शटल के बीच खिलाड़ी को 40 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जो अलग-अलग लेवल पर अलग स्पीड की होती है। इसमें जैसे जैसेख् लेवल बढ़ता है उसी तरह समय भी कम होता चला जाता है। दो शटल के बीच की दूरी तय करने के लिए खिलाड़ी को 10 सेकेंड का समय मिलता है।
YO YO Test का आखिरी लेवल 23वां, यहां तक कोई खिलाड़ी पहुंच नहीं पाया
12वें और 13वें स्पीड लेवल तक पहुंचने पर शटल संख्या बढ़कर 3 हो जाती है। YO YO Test का आखिरी लेवल 23वां है। अभी तक कोई भी खिलाड़ी इसके नजदीक तक नहीं पहुंच पाया है।

सबसे पहले सोकर प्लेयर्स के फिटनेस के लिए हुआ करता था ये टेस्ट

भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए एक खिलाड़ी को 'यो यो टेस्ट' नाम का टेस्ट पास करना होता है। यह टेस्ट पहले फुटबॉल खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए बनाया गया था, बाद में इसका इस्तेमाल हॉकी और अन्य खेलों में भी किया जाने लगा।

<div class="paragraphs"><p>फाइल फोटो</p></div>

फाइल फोटो

क्रिकेट में सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट टीम पर इसे अप्लाय किया

अगर क्रिकेट की बात करें तो पहले इसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य किया गया था, लेकिन अब इस टेस्ट का इस्तेमाल भारत समेत दुनिया की हर क्रिकेट टीम में किया जाता है।

YO YO Test भारतीय क्रिकेट में कहां पर होता है?
YO YO Test खिलाड़ी की फिटनेस और स्टेमिना को परखने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट पूरी तरह से टेक्नोलॉजी की मदद से लिया जाता है। भारत में इस टेस्ट को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी द्वारा बैंगलोर में लिया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे जुड़े सॉफ्टवेयर वहीँ पर इन्सटाल्ड है।
<div class="paragraphs"><p>यो यो टेस्ट की कुछ ऐसी&nbsp; होती है प्रकिया।</p></div>

यो यो टेस्ट की कुछ ऐसी  होती है प्रकिया।

2 किमी की दूरी 8.55 से ज्यादा तो टीम में जगह नहीं

इधर श्रीलंका बोर्ड ने यह भी कहा है कि यदि गाइडलाइंस के अनुसार यदि खिलाड़ी फिटनेस में खरे नहीं उतरते हैं तो उनकी सैलरी काटी जाएगी। गाइडलाइंस का पैमाना तय किया गया है कि यदि कोई खिलाड़ी 2 किमी की दूरी 8.55 से ज्यादा समय में तय करता है तो उसका टीम में चयन नहीं होगा। वहीं 8.35 मिनट से 8.55 मिनट में तय करता है तो चयन होगा लेकिन सैलेरी काटी जाएगी।

पहला फिटनेस टेस्ट 7 जनवरी को होगा, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी खिलाड़ियों को शामिल होना जरूरी

वहीं, अगर कोई खिलाड़ी 2 किमी की दूरी 8.10मिनट में तय करता है तो उसे सेलेक्ट कर लिया जाएगा। टीम में चयनित होने का यह नया पैमाना होगा। पहला फिटनेस टेस्ट 7 जनवरी को होगा, जिसमें कॉन्ट्रैक्ट में शामिल सभी खिलाड़ियों को शामिल होना होगा। इसके अलावा ये भी प्रावधान है कि महीने के किसी भी समय रैंडम टेस्टिंग की जा सकगी।

महेला जयवर्धने बनाना चाहते हैं टीम को मजबूत

बता दें कि हाल ही में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने दिग्गज महेला जयवर्धने को टीम का सलाहकार नियुक्त किया है। आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए कोच की भूमिका निभाने वाले महेला जयवर्धने अब अपने देश की टीम को मजबूत बनाने में जुटे हैं।

हमारे यहां एमएस धोनी टीम की कप्तानी के दौर में ही आ चुका है YO YO Test
भारतीय क्रिकेट टीम में फिटनेस की बात करें तो टीम इंडिया में यो-यो टेस्ट बहुत पहले आ चुका है। ये उस वक्त की बात है जब एमएस धोनी टीम के कप्तान हुआ करते थे। इसके बाद विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया की फिटनेस, फील्डिंग काफी बेहतर हुई है। फिटनेस के मामले में विराट कोहली के अलावा रविंद्र जडेजा, श्रेयस अय्यर समेत कई खिलाड़ी फिटनेस के मामले में काफी फुर्तिले हैं।
<div class="paragraphs"><p>चित्र के अनुसार तीन पॉइंटर होते हैं, जैसे A, B और C तीनों जगह निशान (Mark) के लिए कोण रखे जाते हैं।</p></div>

चित्र के अनुसार तीन पॉइंटर होते हैं, जैसे A, B और C तीनों जगह निशान (Mark) के लिए कोण रखे जाते हैं।

ये होती है टेस्ट प्रक्रिया

उपरोक्त चित्र के अनुसार तीन पॉइंटर होते हैं, जैसे A, B और C तीनों जगह निशान (Mark) के लिए कोण रखे जाते हैं। कोण A और कोन C के पास स्पीकर लगाए जाते हैं, इन स्पीकर की हैल्प से खिलाड़ियों को निर्देश दिए जाते हैं।

कोण B से कोण C के बीच की दूरी 20 मीटर होती है। खिलाड़ी कोण B से दौड़ लगाना शुरू करता है, लेकिन खिलाड़ी को बीप की आवाज के साथ ही दौड़ लगाना शुरू करना होता है और दूसरी बीप बजने से पहले तय समय में C कोण को टच करके लौटना होता है, और इस तरह तीसरा बीप बजने से पहले खिलाड़ी को B कोण की लाइन को पार करना होता है।

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10 सेकंड में ही प्लेयर को A कोण से B कोण तक आना होता

अब इसके बाद B कोण से A कोण के बीच की 5 मीटर की दूरी रिकवरी के लिए होती है और इस रिकवरी के लिए प्लेयर के पास 10 सेकंड का समय होता है। इस 10 सेकंड में ही प्लेयर को A कोण से B कोण तक आना होता है। इसका मतलब है कि यदि खिलाड़ी पहले राउंड में तय समय में अपने मार्क पर नहीं पहुंच पाता है तो उसे 10 सेकंड का ग्रेस समय दे दिया जाता है। ताकि वह निर्धारित समय में दूरी तय कर ले।

अब लेवल 2 का टेस्ट शुरू होता है इसमें स्पीड को बढ़ा दिया जाता है। इस टेस्ट में शटल भी होते हैं, यहां शटल से मतलब उस स्पीड में नंबर ऑफ़ राउंड से है। जैसे 5 और 9 की स्पीड में B से C के बीच 1 राउंड लगाना होता है और 11 की स्पीड में यह राउंड की संख्या बढ़कर 2 हो जाती है।

इस टेस्ट में यदि खिलाड़ी B कोण को पार करने से पहले बीप की आवाज सुन लेता है, तो इसका मतलब है कि उसकी स्पीड कम है। वहीं यदि तीसरी बीप के पहले खिलाड़ी दुबारा B कोण पर नहीं आता है तो उसको वॉर्निंग मिल जाती है। इस तरह 2 वॉर्निंग मिलने का मतलब है कि खिलाड़ी टेस्ट में फेल हो चुका है। और यहीं पर टेस्ट को बंद कर दिया जाता है।

खिलाड़ी कैसे पास कर पाता है इस yo yo cricket test को
इस टेस्ट को पार करने के लिए इंडियन प्लेयर्स को 16.1 का स्कोर पार करना होता है, इसका मतलब खिलाड़ी को 567 सेकैंड में 1120 मीटर की दूरी तय करनी होती है। इस टेस्ट में पास होने के लिए अलग-अलग टीमों के अपने अलग-अलग मानक हैं। देखा जाए तो भारतीय टीम का मानक अन्य टीमों के मुकाबले कमजोर है।

इन देशों में इतने अंकों को टेस्ट पास करने का मानक

1. ऑस्ट्रेलिया- खिलाड़ियों के लिए 20.1 अंक लाना अनिवार्य

2. इंग्लैंड- खिलाड़ियों के लिए 19 अंक लाना अनिवार्य

3. दक्षिण अफ्रीका- खिलाड़ियों के लिए 18 अंक लाना अनिवार्य

4. श्रीलंका- खिलाड़ियों के लिए 17.4 अंक लाना अनिवार्य

5. पाकिस्तानी- खिलाड़ियों के लिए 17.4 अंक लाना अनिवार्य

6. भारत- खिलाड़ियों के लिए 16.1 अंक लाना अनिवार्य

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