Indian Premier League यानी की आईपीएल अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। प्लेऑफ में गुजरात, राजस्थान, लखनऊ और बेंगलुरू की टीम ने जगह बनाई है। आईपीएल के तुरंत बाद भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी – 20 सीरीज खेलनी है।
जिसके लिए हाल ही में भारतीय टीम की घोषणा की गई है। ये सीरीज भारत के नजरिए से काफी अहम है क्योंकि अक्टूबर से टी – 20 वर्ल्ड कप है जिसके लिए भारतीय टीम को तैयार होना है। लेकिन साउथ अफ्रीका के खिलाफ चुनी गई टीम को लेकर अभी से काफी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
जैसा कि हम सब जानते हैं पिछले टी – 20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को मुंह की खानी पड़ी थी तो ऐसे में जरूरी था कि वर्ल्ड कप से पहले होने वाली सीरीज के लिए भी टीम का चयन अच्छे से हो लेकिन जिस तरह की टीम चुनी गई उससे तो यही लगता है कि इस साल भी वर्ल्ड कप की राह मुश्किल रहने वाली है। आज हम आपको बताएंगे वो वजह जिसके चलते ये भारतीय टीम दुनिया भर की टीमों के सामने बौनी नजर आती है।
युवा चेहरों से लबरेज़ इस टीम को देखकर सबसे पहला और सबसे बड़ा सवाल आता है कि टीम का फिनिशर कौन है? टीम में केएल राहुल, रुतुराज गायकवाड़, ईशान, श्रेयस, दीपक हूडा, ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, वेंकटेश अय्यर और दिनेश कार्तिक जैसे बैट्समैन हैं।
लेकिन कार्तिक को छोडकार कोई भी बल्लेबाज फिनिशर की भूमिका निभाता नजर नहीं आता है। ऐसे में टीम में दिनेश कार्तिक के अलावा और कोई चेहरा फिनिशर के तौर पर नजर नहीं आता है।
अगर बात वेंकटेश अय्यर की करें तो केकेआर ने जरूर मिडिल ऑर्डर में अय्यर को ट्राई किया है लेकिन उनका प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप रहा नही हैं। हार्दिक को फिनिशर के रोल में गिनना बिल्कुल भी ठीक न होगा क्योंकि इंजरी के बाद से आईपीएल में वो लगातार तीसरे और चौथे नंबर पर खेलते नजर आए हैं।
बड़ा सवाल ये भी है कि इतने सारे टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों के साथ किस किस को टॉप 4 में फिट किया जाएगा। पता नहीं ये किस क्रिकेट पंडित का ख्याल था कि टी – 20 वर्ल्ड कप के लिए टीम बनाते समय बल्लेबाजों के नाम पर सारे टॉप आर्डर के बल्लेबाज टीम में भर लिए गए।
दूसरा और काफी अहम सवाल ये भी है कि इस टीम ऑलराउंडर्स कहां है। कहने को कागजों पर दीपक हुड्ड़ा , हार्दिक पंड्या, वेंकटेश और अक्षर पटेल जैसे नाम इस टीम में ऑलराउंडर्स के तौर पर मौजूद हैं लेकिन मैदानी परफॉर्मेंस देखें तो मालूम चलता है कि दीपक हूडा और वेंकटेश कभी कभार ही बॉलिंग करते हैं और अक्षर को एक ऑलराउंडर से ज्यादा गेंदबाज ही माना जाए तो ही बढ़िया है क्योंकि अक्षर को ऑलराउंडर मान के चलना तो पक्का टीम की नैय्या डुबा सकता है।
बचे हार्दिक तो हम सब ने ये देखा है कि इस आईपीएल में हार्दिक नई गेंद से गेंदबाजी करते नजर आए थे। अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ के एल राहुल ऑलराउंडर से तो नई गेंद से गेंदबाजी करवाने वाले नहीं हैं।
क्योंकि नई गेंद संभालने के लिए टीम के पास भुवी, आवेश , उमरान और अर्शदीप हैं हीं तो ऐसे में पुरानी गेंद से गेंदबाजी करने वाला ऑलराउंडर कहां है। ये एक बड़ा सवाल है
अब सामने आती है सबसे बड़ी समस्या जो है स्ट्राईकर की.. टी - 20 क्रिकेट में पूरा गेम तेज स्ट्राइक से चलता है। अगर 150 की स्ट्राइक से ही खेलना है तो फिर वन डे ही खेल लीजिए।
ये जो टीम चुनी गई है इसमें स्ट्राइकर्स के नाम पर ऋषभ पंत, के एल राहुल और हार्दिक पंड्या हैं इनके स्ट्राईक रेट को आपके बताए देते हैं जो हैं 152, 135 और 131 मतलब 100 गेंदे खेलकर ये इतने रन बनाते हैं। अब अगर 100 गेंदो में आपकी टीम का सबसे तेज खेलने वाला खिलाड़ी 140 और 150 रन बनाएगा तो 120 गेंदो में आप 160 से 170 तक पहुंच जाएगें जो कि इस जमाने की क्रिकेट में बिल्कुल भी काफी नहीं है।
टीम को स्ट्राइकर्स की सख्त जरूरत है और जरूरत है ऐसे बल्लेबाजों की जो आते ही प्रहार करें ना की 15 बॉल आंखे जमाने में निकाल दें।
टीम के सेलेक्शन के साथ साथ टीम को मिले नए कप्तान भी सवालों के घेरे में नजर आते हैं। बेशक के एल राहुल एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं लेकिन एक कप्तान के तौर पर उन पर भरोसा करना जल्दबाजी होगी। इस आईपीएल को छोड़ दें तो राहुल एक कप्तान के तौर पर टीम को संभाल नहीं पाए हैं। उनकी पिछली टीम पंजाब का प्रदर्शन इसका सटीक उदाहरण है।
अगर टीम के टॉप ऑर्डर की बात की जाए तो टॉप ऑर्डर वाकई में काफी मजबूत है। अगर टीम के जल्दी विकेट नहीं गिरते हैं तो स्कोर अच्छा खासा हो सकता है। बल्लेबाजी ऊपरी क्रम की बहुत ही अच्छी है। उसके बाद टीम की गेंदबाजी वाकई काबिलेतारीफ है। भुवी, अर्शदीप, उमरान, आवेश और अक्षर गेंद से अच्छा खेल दिखा सकते हैं। टीम का ऊपरी क्रम जबर्दस्त है और गेंदबाजी अच्छे हाथों में है।