दिल्ली पुलिस की द्वारका टीम ने एक बड़े मानव तस्करी गिरोह का खुलासा किया है। यह गिरोह झारखंड, बिहार और बंगाल के बच्चों की तस्करी कर रहा था। गिरोह के बदमाश झारखंड और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में लोगों को झांसे में लेते थे, उन्हें बरगलाया जाता था कि वे बच्चों को दिल्ली ले जाएंगे और अच्छा रोजगार देंगे। निर्दोष लोगों ने उन पर भरोसा किया और उन्हें अपने बच्चों को सौंप दिया।
बच्चों से चोरी जैसी गैरकानूनी गतिविधियां करवाते थे
दिल्ली पहुंचने पर, ये लोग इन बच्चों का इस्तेमाल जेबतराशी और चोरी जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में करते थे। द्वारका जिले की पुलिस टीम ने गिरोह के सात बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
उसके कब्जे से 14 मोबाइल फोन और एक एलईडी टीवी भी बरामद किया गया है।
पुलिस ने चार बच्चों को उन लोगों के चंगुल से भी मुक्त कराया है जिनकी उम्र सात से 11 साल के बीच है।
बदमाश पश्चिम बंगाल के मालदा जिलपा के कलिया चौक गांव के निवासी सारेकुल को मोबाइल आधे दाम
पर बेच देते थे। यह गिरोह सारेकुल को मोबाइल बेचकर हर महीने पांच से छह लाख रुपये कमाते थे।
आरोपियों की पहचान झारखंड के साहबगंज जिला के तलझारी, नयाताला गांव निवासी विशाल महतो, महेंद्र महतो,
चंदू महतो, महराजपुर गांव निवासी शेख दिलबर, बिहार के कटिहार जिला स्थित लक्ष्मणतला गांव निवासी बिहारी चौधरी,
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला स्थित अमवा गांव निवासी कन्हैया यादव, प्रतापगढ़ जिला स्थित नेराई गांव निवासी
अमर सिंह के रूप में हुई है.15 जनवरी को, द्वारका सेक्टर आठ में, पुलिस को एक लावारिस अवस्था में एक बच्चा
एक साप्ताहिक बाजार में भटकता मिला। जब पुलिस ने बच्चे को भरोसे में लिया और उससे बात की, तो
उसने बताया कि गिरोह के बदमाश उसे मोबाइल चोरी करने के लिए मजबूर करते हैं।
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