डेस्क न्यूज़- डॉक्टरों और ऐलोपैथी पर अपने विवादित बयानों को लेकर घिरे योग गुरु बाबा रामदेव (Swami Ramdev) के खिलाफ पश्चिम बंगाल में केस दर्ज कराया गया है। रामदेव के खिलाफ सीधी थाने में आईएमए की बंगाल शाखा ने यह एफआईआर की है। एफआईआर में कहा गया है कि बाबा रामदेव आधुनिक चिकित्सा और कोरोना के इलाज को हतोत्साहित कर रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष और टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि जल्द ही अन्य राज्यों की असोसिएशंस योग गुरु के खिलाफ मामला दर्ज करवाएंगी। बाबा रामदेव के खिलाफ FIR दर्ज ।
इससे पहले आईएमए उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का
मानहानि नोटिस भेजा था। नोटिस में रामदेव को वीडियो का खंडन
करने और अगले 15 दिनों में अपने बयान पर लिखित माफी मांगने को
कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव 15 दिनों के भीतर
खंडन वाला वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं, तो उनसे
1000 करोड़ रुपये मांगे जाएंगे।
1,000 करोड़ रुपये के मानहानि नोटिस के बाद, IMA ने दिल्ली में योग गुरु के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। IMA की ओर से महासचिव डॉ. जयेश लेले ने यह शिकायत दर्ज कराई है. दिल्ली के आईपी स्टेट पुलिस स्टेशन में दी गई शिकायत में आईएमए ने कहा कि स्वामी रामदेव लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर संदेह पैदा कर रहे हैं, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डाल रहे हैं।
आपको बता दें कि रामदेव ने हाल ही में एक बयान दिया था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने एलोपैथी को बेवकूफ और दिवालिया विज्ञान बताया। इस पर विवाद और केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन की कड़ी आपत्ति के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था।
माना जा रहा था कि विवाद थम जाएगा, लेकिन 24 मई को रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथिक दवा के तरीके पर सवाल खड़ा कर दिया। इस बार उन्होंने पतंजलि के लेटरपैड पर लिखे पत्र में आईएमए से 25 सवाल किए. इस पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। बाबा रामदेव ने इस पत्र में हेपटाइटिस, लीवर सोयराइसिस, हार्ट एनलार्जमेंट, शुगर लेवल 1 और 2, फैटी लीवर, थायराइड, ब्लॉकेज, बाईपास, माइग्रेन, पायरिया, अनिद्रा, स्ट्रेस, ड्रग्स एडिक्शन, गुस्सा आदि पर स्थायी इलाज को लेकर सवाल पूछे।