डेस्क न्यूज़- राज्यसभा में हंगामे के कारण आज 6 सांसदों को सदन की कार्यवाही से दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया, सभी सांसद तृणमूल कांग्रेस के हैं, निलंबित सांसदों पर तख्तियां लेकर सदन के वेल में पहुंचने का आरोप है, डोला सेन, नदीमुल हक, अबीर रंजन बिस्वास को सस्पेंड कर दिया गया है, इसके साथ ही शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
पेगासस जासूसी विवाद सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने आज संसद में प्रदर्शन किया, बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, बैठक की शुरुआत में सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे, उन्होंने कल हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में कुछ विधेयकों पर चर्चा और पारित होने के लिए निर्धारित समय की जानकारी सदन को दी।
उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा के लिए समाजवादी पार्टी के राम गोपाल वर्मा और विश्वंभर प्रसाद निषाद और माकपा के डॉ वी शिवदासन से नोटिस प्राप्त हुए हैं, उन्होंने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि चर्चा अन्य नियमों के तहत इस पर अनुमति है।
सभापति ने कहा कि नियम 267 के तहत कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, वामपंथी सदस्यों विनय विश्वम और एलाराम करीम से भी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस प्राप्त हुए हैं जिन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।
नायडू के यह कहते ही कुछ विपक्षी दलों के सदस्य कुर्सी के सामने आ गए और अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे, सभापति ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने और कार्यवाही को आगे बढ़ने की अपील की, उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक स्थिति, महंगाई और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा के लिए तैयार है।
हंगामा न थमता देख उन्होंने कहा कि जो सदस्य कुर्सी के सामने आकर तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा, इसके बाद भी हंगामा थमा नहीं जब सभापति ने कुर्सी के सामने तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे सदस्यों को नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा, उन्होंने राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम बताने को भी कहा।
नायडू ने फिर से सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील की। सदन में कोई आदेश न होते देख उन्होंने रात करीब 11 बजकर 15 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए बैठक स्थगित कर दी, सभापति नायडू ने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए उन्होंने संसदीय कार्य राज्य मंत्री को विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेजों को पटल पर रखने की अनुमति दी थी।