न्यूज – दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत गिरफ्तार जामिया मिलिया विश्वविद्यालय की गर्भवती छात्रा सफूरा ज़रगर को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस ने भी सफूरा के गर्भवती होने के कारण जमानत का विरोध नहीं किया।
फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने के आरोप में 27 अप्रैल को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत सफूरा ज़रगर को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में कहा था कि जरगर उस बड़े साजिश का हिस्सा थीं, जो न केवल अव्यवस्था का कारण बना बल्कि लोगों की मौत और नुकसान का भी कारण रहा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सफूरा ज़गर को उन गतिविधियों में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया जो जांच में बाधा बन सकती हैं। साथ ही वह बिना अनुमति के दिल्ली से बाहर नहीं जा सकती। सफूरा ज़रगर को 15 दिनों में कम से कम एक बार फोन पर एक जांच अधिकारी के संपर्क में रहना होगा और 10,000 रुपये का निजी बॉन्ड भी भरना होगा।
जामिया विश्वविद्यालय में एम.फिल की छात्रा पिछले पांच महीने की गर्भवती है। पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मानवीय आधार पर उनकी जमानत का विरोध नहीं किया। मेहता ने कहा कि 'उन्हें मानवीय आधार पर नियमित जमानत पर रिहा किया जा सकता है, लेकिन मामले के गुण-दोष पर निर्णय नहीं लिया गया है और इसे मिसाल नहीं बनाया जाना चाहिए।'
इससे पहले चार जून को दिल्ली के एक अदालत ने सफूरा जरगर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जामिया में एमफिल की स्टूडेंट सफूरा जरगर को 10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सफूरा पर आरोप है कि अन्य आरोपियों के साथ मिलकर उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को भड़काया था। इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 400 लोग घायल हुए थे।
Like and Follow us on :