असम के सबसे खूंखार अपराधियों में से एक बुबू कोंवर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। कोंवर ने राज्य में कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं को अंजाम दिया था। पिछले कुछ सालों में इसने 42 लोगों का मर्डर किया था। बुधवार शाम को सिबसागर जिले में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में यह मारा गया। 43 साल का बुबू कोंवर कई कार चोरी, ड्रग डीलिंग, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराधओं में शामिल रहा था। कई जिलों में उसके खिलाफ 50 मामले दर्ज थे।
विशेष डीजीपी जीपी सिंह ने बुधवार रात ट्वीट किया, "एक अनुभवी
अपराधी, बुबू कोंवर, सिबसागर के गेलेकी में पुलिस के साथ
गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया, उसने पुलिस टीम को
निशाना बनाया था। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसने दम तोड़
दिया और गेलेकी सिविल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
उसके कब्जे से एक पिस्तौल बरामद की गई है।"
पुलिस के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब एक सहयोगी के साथ स्कूटर पर सवार कोंवर ने पुलिस चेक से भागने की कोशिश की और कर्मियों पर गोली चला दी। उसका साथी भागने में सफल रहा।
कोंवर को इसी साल मार्च में जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था और उसके पास से 35 ग्राम संदिग्ध ब्राउन शुगर बरामद किया गया था, लेकिन वह जमानत पर छूटने में कामयाब रहा था। इससे पहले उसे नवंबर, 2016 में एक कार चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तभी उसने टीवी कैमरों के सामने स्वीकार किया था कि वह एक कॉन्ट्रैक्ट किलर है और उसने पैसे के बदले 42 लोगों की हत्या की थी।
बुबू कंवर के जुर्म की दास्तान 16 साल की उम्र में छोटी-मोटी चोरी और डकैती से शुरू हुई थी और कार चोरी, हत्या, अपहरण और जबरन वसूली तक पहुंच गई थी। उसे कई मौकों पर गिरफ्तार किया गया लेकिन जमानत मिल गई।
प्रमुख डॉक्टर मृदुल बरुआ (2006), कांग्रेस नेता हेमंत बरुआ (2008), व्यवसायी केएल गिनोरिया (2012) और स्कूल के प्रधानाध्यापक डीएन गोगोई (2014) की हत्याएं कथित तौर पर कुंवर द्वारा की गई थीं।