डेस्क न्यूज – गुरुवार का दिन तीन राज्यों के लिए आसमानी कहर लेकर आया। दरअसल बिजली गिरने से तीन राज्यों में कुल 110 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। इनमें बिहार, यूपी और झारखंड राज्य के जिले शामिल हैं। वहीं इन तीनों राज्यों में से सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा बिहार का है। बिहार के 23 जिलों में 83 लोगों की मौत हो गई। इनमें गोपालगंज जिले में 14, मधुबनी और नवादा जिले में आठ-आठ व सीवान, भागलपुर में 6-6 लोगों की मौतें हुई है। इसी तरह दरभंगा जिला, पूर्वी चंपारण और बांका जिलों में पांच-पांच लोगों की मौत हो गई।
वहीं खगड़िया और औरंगाबाद में तीन-तीन और पश्चिमी चंपारण, किशनगंज जिला, जहानाबाद, जमुई, पूर्णिया, सुपौल, कैमूर व बक्सर जैसी जगहों में 2-2 लोगों ने अपनी जान गवानी पड़ी। इसी तरह समस्तीपुर, शिवहर, सारण, सीतामढ़ी और मधेपुरा में एक-एक जन की मौत हुई। इन पूरे मौत के आंकड़ों की आपदा प्रबंधन विभाग ने पुष्टि की है। इधर बिहार के मौसम विभाग ने अब अगले 48 घंटों में 12 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में बाढ़ की संभावनाओं के देखते हुए बिहार प्रशासन और आपदा प्रबंधन भी सतर्क हो गया है।
उत्तर प्रदेश प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार यहां 23 और झारखंड में चार लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई है। राहत आयुक्त कार्यालय की माने तो उत्तर प्रदेश के कुशीनगर, फतेहपुर, उन्नाव, बलरामपुर में एक—एक, बाराबंकी में दो, आम्बेडकरनगर में तीन, प्रयागराज में छ:, देवरिया में सबसे ज्यादा 9 मौत हुई हैं। इसी तरह झारखंड के पलामू और गढ़वा जिले में महिला समेत चार लोगों ने अपनी जान गवाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "बिहार और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बिजली से कई लोगों की मौत की दुखद खबर सुनी। राज्य सरकारें राहत कार्य में जुटी हैं। मैं उन परिवारों के प्रति संवेदना जताता हूं, जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया।"
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे को लेकर 12 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इसमें पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा जिले शामिल हैं। इसके अलावा कटिहार, भागलपुर, बांका, मुंगेर, खगड़िया और जमुई में भी भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विभाग की माने तो, देश में फिलहाल तीन सिस्टम सक्रिय हैं। उत्तरी छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व में आगे बढ़ेगा और बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश के करीब पहुंचेगा।
इधर मानसून ट्रफ भी 27 जून तक तराई क्षेत्रों में ही रहेगा। इस वजह से बिहार में भारी बारिश की संभावना बन रही है। वहीं 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पूर्व की तरफ से हवाएं भी चलेंगी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवार को 4-4 लाख रुपए क्षतिपूर्ति स्वरूप देने की घोषणा की है।
सीएम ने लोगों से अपील की है कि वे बिजली के कहर से बचाव के तौर पर आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी निर्देशों का पालन करें। इधर बिहार में आई इस आपदा को लेकर आरजेडी के तेजस्वी यादव ने भी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे की बात कही है।
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