BIHAR: 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग, JDU में टूट का खतरा... अब क्या करेंगे CM नीतीश बाबू?

Danger of Break in JDU: एब बार फिर बिहार के सियासी समीकरण बदल सकते हैं? JDU के 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग ने नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
BIHAR: 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग, JDU में टूट का खतरा... अब क्या करेंगे CM नीतीश बाबू?
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Nitish Kumar Problems Increased: जेडीयू के दो फाड़ होने की सुगबुगाहट से बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासी हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की मानें तो पटना में JDU के 11 विधायकों की सीक्रेट मीटिंग हुई, जिसकी जानकारी नीतीश कुमार को भी हो गई। इस मीटिंग में पार्टी के एक सीनियर मंत्री भी शामिल हुए। अब सभी की नजरें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं। इसके बाद तमाम सवाल भी उठ रहे हैं कि नीतीश कुमार क्या ऐलान करने वाले हैं और क्या इससे विपक्षी गठबंधन में बड़ी दरार पड़े जाएगी या फिर बिहार के सियासी समीकरण बदल सकते हैं?

तो क्या अध्यक्ष पद से हटाए जाएंगे ललन सिंह?

जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह पर आरजेडी के साथ ज्यादा हमदर्दी रखने की चर्चाएं हैं। ऐसे में चर्चा है कि ललन सिंह को हटाने का फैसला हो सकता है। पार्टी अध्यक्ष की तरफ से नीतीश कुमार को चिट्ठी के जरिए इस्तीफे की पेशकश की जा सकती है, लेकिन फैसला संगठन की कार्यकारिणी को करना होता है। ठीक ऐसे ही अध्यक्ष को हटाने का निर्णय लेने का अधिकार पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को है। लिहाजा 11 विधायकों की गुप्त बैठक के बाद बुलाई गई मीटिंग को कुछ लोग ललन सिंह की छुट्टी से जोड़कर देख रहे हैं।

कुछ ऐसा है बिहार का क्षेत्रवार सियासी समीकरण

बिहार के सियासी समीकरण को अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से समझने के लिए बीते कुछ चुनावों के परिणाम और वोट बैंक के पेर्टन को समझना होगा। अगर बात उत्तर बिहार की करें तो यहां महागठबंधन की तुलना में एनडीए का पलड़ा भारी है। यहां लोकसभा की कुल 12 सीटें हैं। मतलब यहां पर जेडीयू के बिना चुनाव लड़ने के बाद भी एनडीए को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

ठीक ऐसे ही मिथिलांचल में महागठबंधन के मुकाबले एनडीए को बढ़त है। यहां कुल 9 लोकसभा सीटे हैं। मिथिलांचल में 2024 के चुनाव में एनडीए को ज्यादा सीटे मिल सकती है, लेकिन सीमांचल और पूर्वी बिहार रीजन के चुनावी मुकाबले में एनडीए पर महागठबंधन भारी पडेगा। यहां पर एनडीए को 2019 जैसे परिणाम नहीं आने वाले।

सीमांचल में कुल 7 लोकसभा सीटे हैं। वहीं मगध के इलाके में मामला फिफ्टी-फिफ्टी का है। यहां 7 लोकसभा सीटे हैं यानी यहां पर एनडीए का भी जोर है और महागठबंधन का भी यानी यहां पर चुनावी मैच में कुछ भी हो सकता है, जबकि भोजपुर इलाके में 5 लोकसभा सीटें आती हैं। यहां पर महागठबंधन मजबूत है।

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