
बिहार में गठबंधन सरकार बनने के बाद 10 अगस्त मंगलवार को राज्यपाल फागू चौहान ने 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई। इस शपथ के बाद राजद एमएलसी कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाया गया। अब बड़ी खबर यह है कि अपहरण के मामले में बिहार में कानून की जिम्मेदारी सौंपे गए एमएलसी के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी हो गया है। अब मामले में बिहार सरकार की किरकिरी होते देख नितिश कुमार ने बयान देते हुए कहा है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
दरअसल, राजीव रंजन का 2014 में अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया। राजीव रंजन अपहरण मामले में बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं, जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। कार्तिकेय सिंह ने न तो अदालत के सामने आत्मसमर्पण किया है और न ही जमानत के लिए आवेदन किया है। कल यानि 16 अगस्त को उन्हें कोर्ट में पेश होना था, लेकिन मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। अब दूसरी तरफ बीजेपी इसे लेकर नई सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है। बीजेपी की ओर से पहले ही कहा जा रहा है कि नई सरकार का मतलब बिहार में जंगल राज है।
कार्तिकेय सिंह राजद के एमएलसी हैं। विधान परिषद चुनाव में उन्होंने जदयू के उम्मीदवार को हराया। मोकामा निवासी कार्तिकेय सिंह शिक्षक रह चुके हैं। कहा जाता है कि अनंत सिंह उन्हें मास्टर साहब कहते हैं। कहा जाता है कि जब अनंत सिंह जेल में होते हैं तो कार्तिकेय मास्टर मोकामा से लेकर पटना तक का सारा काम देखते हैं।
एक चैनल से बात करते हुए 16 अगस्त मंगलवार को कार्तिकेय सिंह ने कहा था कि मेरे ऊपर लगे आरोप झूठे हैं। चुनावी हलफनामे में चुनाव आयोग को सारी जानकारी दी गई है। चुनाव आयोग से कुछ भी छिपा नहीं है। मैं खुद को निर्दोष मानता हूं। केस होना या न होना अलग बात है। मैं निर्दोष हूं। आरोप लगाने और साबित करने में अंतर होता है। अभी तक कुछ भी साबित नहीं हुआ है।
कार्तिकेय सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। आचार संहिता से जुड़े एक मामले में हुआ। पहली बार एमएलसी में मंत्री बन गया हूं। सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। महागठबंधन में अच्छा तालमेल है। बिहार में जंगलराज नहीं आया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के दावे में दम नहीं है. नीतीश कहीं नहीं जाएंगे। महागठबंधन में रहेंगे।