राजस्थान में फिर से राजनीती दिल्ली तक गर्माने लगी है वही sog से लेकर सीबीआई और कई जाँच एजेंसी अब राजनेताओ के मुख के बोल बन गए है साथ ही जाँच एजेंसी पर भी छोटे से बड़े नेता कटाक्ष करने से पीछे नहीं रहते मानो भारत में इन एजेंसी का फंडा राजनीतिकरण से ही जुड़ गया हो गौरतलब है की राजस्थान में फ़ोन टैपिंग का मामला पूरे साल हर मोड़ पर गरमाता रहा है
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर इसी साल 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लोकेश शर्मा ने राजस्थान की घटना के लिए दिल्ली में केस दर्ज करने पर क्षेत्राधिकार का सवाल उठाते हुए इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक लोकेश शर्मा को गिरफ्तारी से राहत दे रखी है। हांलाकि क्राइम ब्रांच उनसे पूछताछ कर सकेगी। वही आज जायेंगे OSD लोकेश शर्मा, कल दिल्ली क्राइम ब्रांच के समक्ष होंगे पेश,
सीएम के ओएसडी से दिल्ली क्राइम ब्रांच जुलाई 2020 में विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े ऑडियो के सोर्स के बारे में पूछताछ करेगी। क्राइम ब्रांच ऑडियो के सोर्स के साथ फोन टैपिंग से जुड़े सवाल भी करेगी। ऑडियो किसने भेजा और आगे वायरल करने पर भी सवाल होंगे। गहलोत के ओएसडी अब तक यह कहते आए हैं कि उन्हें सोशल मीडिया पर ये ऑडियो मिले, ऐसे में अब उन्हें इनके बारे में पुख्ता जानकारी देनी होगी।
पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद से फोन टैपिंग के आरोप लगे थे। गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाते कुछ ऑडियो टेप वायरल किए थे। इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था।