
पेट्रोल और डीजल के भाव आसमान छू रहें है इसी बीच सीएनजी के बढ़ते दामों ने आम जनता की कमर पर भी महंगाई का पत्थर रख दिया है। CNG के दामों में बढ़ोतरी के कारण आटो - टैक्सी चालकों की कमाई पर बुरा असर पड़ा है। किराया बढ़ने के साथ सीएनजी के बढ़े दामों के इजाफे ने आटो-टैक्सी चालकों को बुरे दौर में ला दिया है। ऐसे में चालकों को आर्थिक तौर पर काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है।
इसी के चलते सोमवार को ब्छळ के दामों में बढ़ोतरी और केजरीवाल सरकार से सीएनजी पर सब्सिडी की मांग को लेकर दिल्ली के आटो-टैक्सी चालक हड़ताल (Cab-Auto Strike) पर चले गए हैं। इस हड़ताल में आटो और टैक्सी चालकों के साथ मिनी बस चालकों के भी कई संगठन शामिल हैं। आटो-टैक्सी की हड़ताल की वजह से लाखों लोग अपने रोजमर्रा के कामों के लिए प्रभावित हो रहे हैं। हड़ताल के चलते लोगों को मेट्रो और बसों को सहारा लेना पड़ रहा है।
दरअसल, आटो-टैक्सी की विभिन्न यूनियनों की ओर से किराया दरों में बढ़ोतरी और सीएनजी की कीमतों में कमी किए जाने की मांग की जा रही है। दिल्ली आटो रिक्शा संघ की मांग है की सरकार (केंद्र और दिल्ली) सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी प्रदान करे। बता दें की इससे पहले भी सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी की मांग को लेकर सैकड़ों ऑटो, टैक्सी और कैब चालक दिल्ली सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा है कि ईंधन की कीमतों में कमी और किराए में संशोधन कर हमारी मदद के लिए सरकार द्वारा कोई कदम न उठाए जाने पर हमने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। वहीं अधिकतर संगठनों का कहना है की यह एक दिवसीय हड़ताल है।
दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आटो-टैक्सी चालकों से हड़ताल न करने की अपील की है। हड़ताल की घोषणा पर गहलोत ने कहा है कि आटो-टैक्सी चालकों की दिक्कतों और मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह समिति पूरे मामले पर समग्रता से विचार करेगी। उसकी सिफारिशों के अनुरूप ही कदम उठाए जाएंगे। तब तक आटो-टैक्सी चालकों को दिल्लीवासियों की परेशानी के मद्देनजर हड़ताल जैसे कदम से बचना चाहिए।