Delhi: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के मामले में AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को 5 मामलों में जमानत मिल गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार (11 जुलाई, 2023) को ये फैसला सुनाया। हालाँकि, दंगों की साजिश रचने का जो मुख्य मामला है उसमें ताहिर हुसैन को अब तक राहत नहीं मिली है। बाक़ी अन्य मामले भी उस पर चल रहे हैं। ऐसे में वो जेल में ही रहेगा।
2020 और उसके बाद 2021 में ताहिर हुसैन ने जमानत की याचिका दायर की थी। जस्टिस अनीश दयाल ने इस मामले में 10 अप्रैल को फैसला रिजर्व रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है। ताहिर हुसैन के वकील रिजवान का दावा है कि इन मामलों में सभी सह-आरोपितों को जमानत दी जा चुकी है और अकेला ताहिर हुसैन ही जेल में है।
कांग्रेस नेता और अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने उसकी तरफ से पैरवी करते हुए कहा था कि गवाहों के शुरुआती बयानों में ताहिर हुसैन का नाम कहीं नहीं आया था और उसके खिलाफ कोई खास एक्ट्स नहीं लगाए गए थे।
ताहिर हुसैन पर हत्या के प्रयास से लेकर दंगे, आपराधिक षड्यंत्र और आगजनी के भी आरोप हैं। जिन मामलों में ताहिर हुसैन को जमानत मिली है, वो सभी दयालपुर पुलिस थाने में दर्ज कराए गए थे। ताहिर हुसैन पर मुख्य मामला UAPA के तहत दर्ज है, इसीलिए वो जेल में ही रहेगा। अक्टूबर 2022 में दिल्ली की एक अदालत ने ताहिर हुसैन पर आरोप तय करते हुए स्पष्ट कहा था कि उसका इरादा हिन्दुओं को नुकसान पहुँचाने का था।
दिल्ली पुलिस ने अपने आरोप-पत्र में ताहिर हुसैन को मुख्य साजिशकर्ता बताया था। उसकी पिस्तौल जब्त की गई थी। उस पर एक मामला सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का भी है। उसके छोटे भाई शाह आलम को भी गिरफ्तार किया गया था।
ताहिर हुसैन को सशर्त जमानत दी गई है। उसकी छत से जम कर पत्थरबाजी हुई थी और पेट्रोल बम फेंके गए थे। IB अधिकारी अंकित शर्मा को भी घसीट कर उसके ही घर में ले जाया गया था और हत्या कर दी गई थी।