Kejriwal in Liquor Scam: दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी और शराब घोटाला मामले में तिहाड़ में बंद इसके संयोजक अरविन्द केजरीवाल की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि राजनीतिक दल पर भी पैसे की हेराफेरी के अंतर्गत (PMLA) मुकदमा चल सकता है।
वहीं राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पंजाब CM भगवंत मान को CM केजरीवाल से मिलने की अनुमति भी नहीं दी गई है। CM केजरीवाल ने अब गिरफ्तारी को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाला में 21 मार्च, 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। उन्होंने कोर्ट ने वर्तमान में 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा हुआ है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल, 2024) को ED द्वारा CM केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि वो कठोर रूप से दिल्ली में शराब नीति बनाने और घूस मांगने में व्यक्तिगत रूप से शामिल हैं, साथ ही AAP के संयोजक के रूप में भी वो इस अपराध में शामिल हैं।
इसी निर्णय में हाई कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों पर भी कम्पनियों की तरह ही मनी लॉड्रिंग कानून के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। ऐसे में कम्पनी या राजनीतिक दल का मुखिया दोषी होगा। आम आदमी पार्टी के मामले में केजरीवाल पार्टी के संयोजक हैं, अतः वही इस मामले में जिम्मेदार भी होंगे।
हाई कोर्ट ने इस निर्णय का आधार कम्पनी और राजनीतिक दल की परिभाषा को बनाया है। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दल और कम्पनी, दोंनो ही लोगों का संगठन हैं, ऐसे में राजनीतिक दल भी PMLA के तहत लाए जा सकते हैं।
वहीं तिहाड़ प्रशासन ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को दिल्ली CM अरविन्द केजरीवाल से मिलने की अनुमति देने से मना कर दिया है। तिहाड़ प्रशासन ने कहा है कि वह सुरक्षा कारणों के चलते ऐसा नहीं कर सकता।