सोमवार रात को दिल्ली पुलिस ने ऑल्ट न्यूज़ (Alt News) के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubir) को गिरफ्तार किया। उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप है। दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने जुबैर को गिरफ्तार कर लिया।
ट्वीटर पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि जुबैर ने उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत किया है और इसलिए उस पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में इस शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295ए के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस की इस कार्रवाई के बाद ऑल्ट न्यूज और उसके सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर चर्चा में आ गए है। आइए जानते है कौन हैं मोहम्मद जुबैर और क्या है उनका विवादों में आने का कारण…
मोहम्मद जुबैर फैक्ट चेकिंग वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक हैं। जुबैर ने साल 2017 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रतीक सिन्हा के साथ Altnews वेबसाइट शुरू की थी।
जुबैर ने ही भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयानों को ट्वीट किया था, जिसके बाद भारत सरकार को खाड़ी देशों की कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। बीजेपी ने जहां नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाल दिया था, वहीं सरकार ने भी बयानों से दूरी बना ली थी।
बताया जा रहा है कि जिस मामले में जुबैर को गिरफ्तार किया गया था, उसमें हिंदू शेर सेना की सीतापुर इकाई के मुखिया भगवान शरण ने शिकायत की थी।
भगवान शरण की शिकायत का जिक्र करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया कि FIR में कहा गया है, '27 मई को ट्विटर पर देखा कि मोहम्मद जुबैर ने राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना के राष्ट्रीय संरक्षक बजरंग मुनि के खिलाफ 'हेटमॉन्गर' जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। जुबैर ने हिंदू यति नरसिंहानंद और स्वामी आनंद स्वरूप का भी अपमान किया था।
भगवान शरण ने अपनी शिकायत में कहा कि "जुबैर ने साजिश के तहत जानबूझकर समाज में नफरत फैलाने और मुसलमानों को भड़काने और हिंदू भावनाओं को आहत करने की कोशिश की है। उनके इस तरह के बयानों से हिंदुओं में आक्रोश है।
इसके साथ ही भगवान शरण ने आरोप लगाया गया कि जुबैर मुसलमानों को हिंदू नेताओं को मारने के लिए उकसा रहे थे।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब जुबैर के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज हुई है। इससे पहले 2020 में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने जुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी।
जुबैर ने 6 अगस्त 2020 को एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने नाबालिग की पहचान का खुलासा किया था। ट्विटर द्वारा जुबैर के ट्वीट को हटाने से इनकार करने के बाद, NCPCR ने उच्च न्यायालय में यह आरोप लगाया कि संबंधित ट्वीट से कानूनों का उल्लंघन कर रहा है।
इसी साल फरवरी में इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। मई में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया था कि जुबैर द्वारा किए गए ट्वीट में 'कोई संज्ञेय अपराध' का मामला नहीं बनता है।