राजस्थान में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों ने कहर बरपा रखा है। अस्पतालों में ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी में भर्ती होने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए मंगलवार को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सभी चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) और चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर इसे नियंत्रित करने पर चर्चा की। साथ ही मंत्री ने अगले आदेश तक सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों की छुट्टी पर रोक लगा दी है।
अक्टूबर में राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में 6790 से ज्यादा डेंगू के मामले पाए गए हैं। यह बढ़ता रहता है। ओपीडी में मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है। जांच केंद्रों के साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए चिकित्सा मंत्री ने राज्य के सभी जिलों के सीएमएचओ को मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए 20 अक्टूबर से 3 नवंबर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाने का निर्देश दिया है. इसके लिए उन्होंने हर जिले में एक कंट्रोल रूम और रैपिड रिस्पांस टीम गठित करने को कहा है, जो चौबीसों घंटे चलेगी और लोग उनसे कॉल करके मौसमी बीमारियों और उनकी रोकथाम की जानकारी ले सकते हैं।
मंत्री ने सभी अधिकारियों को उन जगहों पर तेजी से सक्रिय होने के निर्देश दिए जहां सबसे ज्यादा डेंगू, मलेरिया के मामले सामने आ रहे हैं. 50 घरों में एंटीलार्वा का छिड़काव करें और जिस घर या इलाके में डेंगू के मामले पाए जाते हैं, उसके आसपास फॉगिंग करवाएं।
मंत्री शर्मा ने उप जिला अस्पतालों के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आने वाले मरीजों को घर के अंदर के साथ-साथ बाहरी उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इन बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वे कर मरीजों की पहचान करें।