राजस्थान पुलिस मुख्यालय का सरहानीय कदम: Digi Locker और M-Parivahan App में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को माना जाए डिजिटल आईडेंटिटी

इस बाबत उन्होंने सोमवार को सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जोधपुर और जयपुर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है।
राजस्थान पुलिस मुख्यालय का सरहानीय कदम: Digi Locker और M-Parivahan App में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को माना जाए डिजिटल आईडेंटिटी
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राजस्थान पुलिस का आमजन के लिए राहत का बड़ा कदम यहाँ पर लिया गया है अब digi लाकर से भी आप अपनी गाड़ी के दस्तावेज दिखा सकते है और इस कदम से आमजन को काफी आसानी होगी वही लाकर सिस्टम से काफी बदलाव आने की सम्भावना है जिससे प्रत्येक व्यक्ति ट्रैफिक नियमो का पालन करेगा।

एडीजी (ट्रैफिक) स्मिता श्रीवास्तव ने बताया है कि Digi Locker और M-Parivahan App के माध्यम से दिखाए गए ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज को डिजिटल आईडेंटिटी के रूप में माना जाए। इस बाबत उन्होंने सोमवार को सभी जिला पुलिस अधीक्षकों, जोधपुर और जयपुर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। और ट्रैफिक के लिए इस आदेश को काफी सरहानीय बताया जा रहा है।

भारत सरकार के आईटी मंत्रालय ने दी है मान्यता

एडीजी (ट्रैफिक) ने निर्देशों में कहा है कि केंद्र के आईटी मंत्रालय ने इन दोनों APP के जरिए दस्तावेज दिखाने को मान्यता प्रदान की है। इसके बावजूद कई बार प्रदेश में Digi Locker और M-Parivahan App पर दिखाए गए दस्तावेज के अलावा वाहन चालक को दस्तावेज भौतिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए जबरन दबाव डाला जाता है। यानी संबंधित पुलिसकर्मी इस नियम का पालन नहीं करते हैं।

नियमों की अनदेखी

पुलिस मुख्यालय ने एसपी और कमिश्नरों को निर्देश देते हुए कहा कि जो कर्मचारी जानबूझकर इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। आपको बता दें कि इस संबंध में परिवहन विभाग ने कई बार पुलिस मुख्यालय को पत्र लिख चुका है। फील्ड में मौजूद पुलिसकर्मी इन नियमों को दरकिनार कर वाहन चालकों को दस्तावेज दिखाने के लिए परेशान करते हैं।

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