कन्नौज : नरोरा बांध से गंगा नदी में छोड़े गए पानी के कारण इतरानगरी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इससे काली नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। नदी का पानी कटरी इलाके में पहुंचना शुरू हो गया है। इससे करीब ढाई हजार बीघा फसल पानी में डूब गई है। किसान कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं। खेतों में खड़ी सब्जियों की फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है। फसल डूबने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
लगातार हो रही बारिश ने किसानों की फसल बर्बाद कर दी है। किसान बारिश के नुकसान से उबर भी नहीं पाए कि बाढ़ ने उनकी कमर तोड़ दी | फसल डूबने से किसान परेशान हैं। बता दें, नरोरा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा और उसकी सहायक काली नदी उफान पर है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे गांवों में पानी भरना शुरू हो गया है। जलस्तर बढ़ने से कटरी क्षेत्र में करीब ढाई हजार बीघा फसल डूब गई है। गंगा के किनारे स्थित कटरी क्षेत्र में प्याज, धनिया, पत्ता गोभी, हरी प्याज, सोया मेथी की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है। इसके अलावा खेतों में पड़ा धान भी भीगने से खराब हो गया है।
खेतों में पानी भरने की सूचना मिलने के बाद किसान कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हैं। फसल डूबने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। दिन-रात मेहनत कर तैयार फसल पानी से बर्बाद हो जाने से किसान परेशान है। जलस्तर में कमी नहीं होने पर किसानों को आगामी फसल की बुवाई में देरी का डर सता रहा है।
किसान सिबू ने बताया कि सुबह जब वह खेत में पहुंचा तो खेत में पानी देख उसके होश उड़ गए। बताया कि फसल डूबने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है। गांव के सैकड़ों युवक मिलकर किसानों की कटी धान की फसल को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि किसानों की क्षतिग्रस्त फसलों का निरीक्षण कर उचित मुआवजा दिया जाए।