डेस्क न्यूज़: पति-पत्नी के आपसी विवाद के बाद जब मामला तलाक तक पहुंच जाता है, तब कोर्ट को परिवार और रिश्तेदारों के साथ एक बार दंपति को सलाह देनी पड़ती है, ताकि रिश्ते टूटने से बचाए जा सके, लेकिन गोवा में अब तलाक की स्थिति तक पहुंचने से पहले यानि शादी से पहले ही वर-वधू में काउंसिलिंग अनिवार्य की जा सकती है। गोवा सरकार जल्द ही इस योजना पर काम शुरू करने जा रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि गोवा सरकार शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की काउंसलिंग क्यों अनिवार्य कर रही है, दरअसल गोवा अब एक ऐसा राज्य बनता जा रहा है जहां तलाकशुदा लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार ने योजना बनाई है कि तलाक के मामलों को कम करने के लिए शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन की काउंसलिंग अनिवार्य कर दी जाए।
गोवा में तलाक के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में गोवा सरकार ने प्री-मैरेज काउंसलिंग को अनिवार्य बनाने की नीति लाने का फैसला किया है। गोवा के कानून मंत्री नीलेश कैबराल ने कहा कि गोवा लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (जीआईपीएआरडी) काउंसलिंग पाठ्यक्रम और उसके प्रारूप को अंतिम रूप देगा। कानून मंत्री के मुताबिक, हम गोवा में प्री-मैरेज काउंसलिंग को अनिवार्य बनाने के लिए एक नई नीति लेकर आ रहे हैं। इस परामर्श समिति में धार्मिक संस्थाओं को भी शामिल किया जा सकता है।
गोवा के कानून मंत्री नीलेश कैबराल ने कहा कि यह बात सामने आ रही है कि गोवा में शादी के 6 महीने से लेकर एक साल के भीतर कई तलाक हो रहे हैं। एक नीति के रूप में, हमने माना है कि जोड़ों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विवाह पूर्व परामर्श अनिवार्य किया जाना चाहिए। हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि उनके पास हर महीने रिपोर्ट किए गए तलाक के मामलों की सही संख्या नहीं है, हाल के दिनों में तलाक के मामलों में वृद्धि हुई है।