Dalit Reservation: धर्म बदलने वाले दलितों को आरक्षण क्यों? विरोध में उतरा अनुसूचित जाति बचाओ मंच, 27 मई को रैली

Dalit Reservation: एजेबीएम ने कहा है कि यदि धर्म परिवर्तन के बाद भी लोगों को आरक्षण व अन्य सुविधाएं मिलती रही तो एक दिन उनके समाज का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
Dalit Reservation: धर्म बदलने वाले दलितों को आरक्षण क्यों? विरोध में उतरा अनुसूचित जाति बचाओ मंच, 27 मई को रैली

Dalit Reservation: धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम या ईसाई बने दलितों को आरक्षण और अन्य सुविधाओं का लाभ देने का विरोध हो रहा है। अनुसूचित जाति बचाओ मंच (AJBM) ने 22 मई 2023 को इस संबंध में अहमदाबाद के कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। वहीं जनजाति सुरक्षा मंच 27 मई 2023 को गुजरात के अहमदाबाद में रिवरफ्रंट के पास एक रैली करने जा रहा है।

एजेबीएम ने ज्ञापन में इस्लाम या ईसाई मजहब अपनाने वालों को किसी तरह के आरक्षण या अन्य सरकारी लाभों से वंचित करने की मांग की है। मंच के लोगों ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यदि धर्म परिवर्तन के बाद भी लोगों को आरक्षण व अन्य सुविधाएँ मिलती रही तो एक दिन समाज का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

मुस्लिम-ईसाई बने लोग हों सूची से बाहर

उधर जनजाति सुरक्षा मंच ने भी हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम-ईसाई बने लोगों को सूची से बाहर निकालने की मांग तेज कर दी है। इसे लेकर 27 मई को अहमदाबाद रिवरफ्रंट पर एक रैली का आयोजन किया जा रहा है।

जनजाति सुरक्षा मंच का कहना है कि जनजातीय समूह के लोग साल 2006 से ही देश के अलग-अलग हिस्सों में आवाज उठा रहे हैं। वे इस्लाम या ईसाई में परिवर्तित होने वाले लोगों को मिलने वाले विशेष लाभ खासकर आरक्षण संबंधी लाभ रोकने की मांग कर रहे हैं। मंच के नेताओं का कहना है कि धर्मांतरित लोगों को जनजाति और अल्पसंख्यक दोनों के नाम पर लाभ प्राप्त हो रहा है।

अभी सुप्रीम कोर्ट में है मामला

बता दें कि धर्म बदलने वालों को आरक्षण का लाभ दिए जाने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में भी है। इस बीच देश के अलग-अलग शहरों में इसे लेकर प्रदर्शन और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 4 और 5 मार्च को यूपी के ग्रेटर नोएडा में विश्व हिंदू परिषद की तरफ से संगोष्ठी का आयोजन हुआ था।

इसमें परिषद की तरफ से कहा गया कि आरक्षण का फायदा ऐसे लाभार्थियों को नहीं मिलना चाहिए जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया है। 10 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश में भी जनजाति सुरक्षा मंच की तरफ से जनजाति गर्जना डी-लिस्टिंग महारैली का आयोजन किया गया था। महारैली में राज्य भर के 40 जिलों से आए जनजातीय समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया था।

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