
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के परवाणू में सोमवार को टिम्बर ट्रेल रोपवे (केबल कार) में 11 लोग फंस गए। इनमें से 11 लोगों को रस्सी के सहारे सुरक्षित निकाल लिया गया है, सोलन जिला प्रशासन और टिम्बर ट्रेल के स्टाफ लोगों को बाहर निकाल रहे हैं। एनडीआरएफ की टीम भी वहां पहुंच गई है।
होटल राज्य के प्रवेश द्वार परवाणू के पास टिम्बर ट्रेल से लगभग 800 मीटर की दूरी पर एक पहाड़ी पर है। लोग रोपवे के जरिए होटल पहुंचते हैं। सोमवार सुबह करीब 11 बजे ट्राली में तकनीकी खराबी आ गई। तभी से ट्रॉली हवा में लटकी हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 10 लोगों को रस्सी से बचाया गया है। कुछ लोग रस्सी से नीचे उतरने से डरते है। इस वजह से रेस्क्यू मुश्किल हो गया।
जल्द ही सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा- आपदा प्रबंधन सचिव सुदेश कुमार
ट्रॉली में फंसे सभी लोग टिम्बर ट्रेल रिजॉर्ट से लौट रहे थे। इस दौरान तकनीकी खराबी के कारण ट्राली बीच हवा में फंस गई। ट्रॉली को हवा में लटके हुए करीब चार घंटे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक रेस्क्यू नहीं किया जा सका है। राज्य आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव सुदेश कुमार मुक्ता ने बताया कि ट्रॉली में फंसे लोगों को निकालने के लिए वायुसेना और एनडीआरएफ को बुलाया गया है। जल्द ही सभी को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा।
इससे पहले भी 13 अक्टूबर 1992 को कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टिम्बर ट्रेल में 11 पर्यटक फंस गए थे। इनमें एक बच्चा भी था। उसी दौरान एक ट्रॉली अटेंडेंट गुलाम हुसैन ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।