Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश की एक मात्र राज्यसभा सीट पर कांग्रेस को करारा झटका लगा है। बीजेपी के यह सीट जीतने के बाद राज्य में सरकार बचाने का संकट खड़ा हो गया है। बीजेपी के विधायक पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार (28 फरवरी) को राज्यपाल से मिलने हिमाचल राजभवन पहुंचे।
राज्यपाल से मिलने के बाद जयराम ठाकुर ने बताया कि उनको घटनाक्रम की जानकारी दी गई है। बजट सत्र के दौरान बजट पारित करने के लिए डिवीजन ऑफ वोट की मांग की गई है। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इस सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार ही नहीं है। इस बीच कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल करते हुए दोनों पर्यवेक्षक भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को शिमला भेजा है। विधायकों को नोटिस देकर दोपहर एक बजे तक जवाब मांगा गया है।
राज्य बीजेपी विधायक दल बुधवार सुबह राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात कर उनसे सुक्खू सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए अपील कर रहा है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात पर हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, ''हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।''
हिमाचल में क्रॉस वोटिंग का असर कांग्रेस पर देखने को मिला है। कांग्रेस ने राज्य में अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट गंवा दी है। कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बीजेपी के हर्ष महाजन के हाथों करारी हार मिली है। कांग्रेस के 6 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई वहीं निर्दलीय 3 विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ नहीं दिया। सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि क्या राज्यसभा सीट गंवाने के बाद सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बीजेपी अब सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है, शायद इसी मांग को लेकर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिल रहे हैं. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ, जब राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार की हार-जीत का फैसला पर्ची डालकर करना पड़ा, क्योंकि दोनों ही दलों के उम्मीदवारों को एक बराबर वोट मिले थे। पर्ची डालने के बाद भी कांग्रेस हार गई और बीजेपी के हर्ष महाजन राज्यसभा चुनाव जीत गए।