एक फिल्म जो दर्द की इंत्तेहा बयान करती है,जिसमें दर्द का वो दरिया है जिसे देखने वालों ने महसूस किया,खून का वो सैलाब जो पर्दे पर दिखा तो हर दर्शक के दिल में तड़प बनकर दौड़ने लगा. फिल्म का नाम है कश्मीर फाइल्स,वैसे तो ये फिल्म भी हर उस फिल्म की तरह ही है जिसमें दर्शक मनोरंजन देखने आते हैं,डारेक्टर का विजन परखने आते हैं एक्टर की अदाकारी को समझने आते हैं. लेकिन कश्मीर फाइल्स कई मायनों में अलग नजर आती है, आम दर्शक से लेकर सियासी गलियारों में इसकी चर्चा है,बॉलिवुड के स्टार फ्रेटेनिटी में इसकी बात हो रही है, और बात इसलिए हो रही है क्यों कि ये एक ऐसी हकीकत थी जो काफी समय से फाइलों में दफन थी कागजों में सिमटी हुई थी जो अब बाहर निकल कर आई, जब वो पर्दे पर आई तो हर किसी रुह कांप उठी, खासकर उन लोगों के जख्म हरे हो गए जिन्होने इस डरावनी हकीकत को भोगा था.
फिल्म के डायरेक्टर हैं विवेक अग्निहोत्री और फिल्म का कथानक है 1990 के दौर में कश्मीर में हुई घटनाएं. फिल्म में सफेद पर्दा लहूलुहान हो उठता है जब कश्मीरी पंडितों को चुन चुन कर मारा जाता है. रील दर रील चलने वाले इस संघर्ष से हर दर्शक का एक रिश्ता जुड़ जाता है,अपने आंगन को छोड़कर जब इस हकीकत को करीब से देखते हैं तो अपने आप को उस दौर में पाते हैं जब जिंदगी बचाना ही जीतने का सबब बन गया था. ये कुछ तस्वीर हैं जो काफी कुछ कह रही हैं।
फिल्म को लेकर पर्दे के पीछे भी एक रण छिड़ गया है, पहले कपिश शर्मा पर इसे प्रमोट नहीं करने का आरोप लगा,सोशल मीडिया पर तरह तरह की प्रतिक्रिया आने लगी. फिल्म को रिलीज के वक्त बहुत ज्यादा स्क्रीन नहीं मिली थी लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री ने फिल्म के डायरेक्टर को बुलाकर तारीफ की तो फिल्म के लिए दर्शक बेताब हो गए. कई राज्यों में गुजरात,मध्यप्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक,गोवा,त्रिपुरा और उत्तराखंड में कश्मीर फाइल्स को टैक्स फ्री कर दिया है.वही राजस्थान में भी भाजपा फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग कर रही है.
फिल्म को लेकर आम अब आम जनता भी इसका प्रचार प्रसार करने लगी है. कोटा, चित्तौड़गढ़ जैसे कई राज्यों में आम जनता भी फिल्म में कश्मीर में कश्मीरी पंडितो के साथ हुई घटना को देख उनकी भी आखें नम हुई.