Anantnag Encounter: मेजर आशीष का 10 घंटे बहा खून, आतंकियों से मुठभेड़ में अब तक 4 जवान शहीद

Anantnag Encounter: अनंतनाग में पानीपत के मेजर आशीष धौंचक टीम के साथ मिशन पर थे। अनंतनाग में घने जंगलों के बीच उनकी आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी। इसी बीच मेजर आशीष धौंचक की जांघ में गोली लग गई। जब आर्मी की मेडिकल टीम मेजर आशीष को लेने आई तो उन्होंने कहा - मैं सभी आतंकियों को मारकर ही जाऊंगा।
Anantnag Encounter: मेजर आशीष का 10 घंटे बहा खून, आतंकियों से मुठभेड़ में अब तक 4 जवान शहीद
Anantnag Encounter: मेजर आशीष का 10 घंटे बहा खून, आतंकियों से मुठभेड़ में अब तक 4 जवान शहीद
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Anantnag Encounter: अनंतनाग में पानीपत के मेजर आशीष धौंचक टीम के साथ मिशन पर थे। अनंतनाग में घने जंगलों के बीच उनकी आतंकियों से मुठभेड़ चल रही थी। इसी बीच मेजर आशीष धौंचक की जांघ में गोली लग गई। जब आर्मी की मेडिकल टीम मेजर आशीष को लेने आई तो उन्होंने कहा - मैं सभी आतंकियों को मारकर ही जाऊंगा।

मेजर आशीष घायल हालत में भी आतंकियों से भिड़ते रहे। करीब 10 घंटे तक मेजर आशीष के पैर से खून बहता रहा। जिससे उनकी हालत बिगड़ती चली गई। लड़ते-लड़ते मेजर आशीष की हालत नाजुक हो गई और वे देश के लिये शहीद हो गये।

मेजर आशीष की देश सेवा के प्रति जज्बे का खुलासा उनके दोस्त विकास ने करते हुए कहा कि आशीष के मन में हर वक्त देश सेवा का जुनून रहता था। आशीष का गोल सेना में जाना था।

2012 में 25 साल की उम्र में मेजर आशीष भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे। मेजर आशीष की पार्थिव देह शुक्रवार को उनके पैतृक गांव बिंझौल लाई गई।

बता दें जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके में जारी गोलीबारी ने विनाशकारी रूप ले लिया है, जिसमें शुक्रवार को एक और सैनिक की मौत हो गई।

इस भयानक त्रासदी से बुधवार को ऑपरेशन शुरू होने के बाद से शहीद जवानों की कुल संख्या चार हो गई है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है क्योंकि इलाके को सील कर दिया गया है और बड़े पैमाने पर तलाशी चल रही है।

यह तबाही मंगलवार देर रात शुरू हुई, जब सेना और पुलिस ने इलाके में छिपे आतंकवादियों की तलाश के लिए संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। बुधवार तड़के एक भीषण गोलीबारी हुई, जिसमें कई बहादुर सैनिकों की जान चली गई।

अनंतनाग गोलीबारी में दुखद नुकसान

सबसे हृदय विदारक घटनाओं में से एक बुधवार को घटी, जब कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मारे गए।

माना जाता है कि कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट को लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने निशाना बनाया था।

शुक्रवार को मारे गए चौथे सैनिक की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, जिससे ऑपरेशन को लेकर माहौल निराशाजनक है।

मारे गए नायकों के पार्थिव शरीर उनकी अंतिम यात्रा के लिए उनके वतन लौटा दिए गए। कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचैक को पूरे सैन्य सम्मान के साथ पानीपत में दफनाया गया।

गुरुवार को डिप्टी सुपरिटेंडेंट हुमायूं भट ने भी बडगाम स्थित अपने घर पर अंतिम विदाई दी।

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