Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ जिले के एक स्कूल में आइकन बताकर पाकिस्तान मूल की मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगाने का मामला सामने आया है। इस तस्वीर को जब गांव वालों ने देखा तो इसका विरोध किया। इसके बाद इस तस्वीर को हटा ली गई। वहीं, कुछ स्कूलों से ‘हिंदू’ और ‘रामरुद्र’ जैसे शब्द हटा दिए गए हैं। इसको लेकर भाजपा ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है।
ये मामला राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले के कुजू का है। यहां के सरकारी स्कूल में मलाला यूसुफजई की फोटो देखकर गांव के लोग भड़क गए। ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बताया जा रहा है कि स्कूल की एक शिक्षिका ने बच्चों को प्रेरित करने के लिए पाकिस्तान मूल की इंग्लैंड निवासी और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगाई थी। स्कूल के प्रिंसिपल रविंद्र प्रसाद ने बताया कि शिक्षिका ने उनसे परमिशन लेकर यह तस्वीर लगाई थी।
इस बीच यह बात भी सामने आई है कि हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड में विद्यालयों के नाम से ‘हिंदू’ और ‘रामरुद्र’ शब्द हटा दिए हैं। दरअसल, सोरेन सरकार ने राज्य के 80 विद्यालयों को उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में चयन किया है। इन स्कूलों के नाम के साथ सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (CM School Of Excellence) जोड़ा जाएगा।
इस दौरान जिन स्कूलों में हिंदू या रामरुद्र शब्द थे, उन्हें हटा दिया गया है। एक स्कूल से ‘हिन्दू’ शब्द और एक अन्य स्कूल से ‘रामरुद्र’ शब्द हटा दिया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने पत्र जारी करके कहा कि कुछ स्कूलों के नाम बदले गए हैं।
लोहरदगा के एक स्कूल का नाम लोहरदगा नदिया हिन्दू हाईस्कूल था। अब इसका नाम बदल कर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस लोहरदगा, नदिया कर दिया गया है। हिन्दू हाईस्कूल की स्थापना सन 1931 में हुई थी। इसके लिए उद्योगपति बिड़ला घराने ने जमीन दी थी। स्कूल के नाम में से हिन्दू शब्द हटाए जाने का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।
वहीं, बोकारो के चास में स्थित +2 हाईस्कूल का नाम रामरुद्र +2 हाईस्कूल था। अब इसमें से ‘रामरुद्र’ हटाकर उसका नाम सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रखा गया है। राज्य के ऐसे 9 स्कूल हैं, जिनके नाम बदले गए हैं। इनमें नदिया (लोहरदगा) के हाईस्कूल और चास के स्कूल के अलावा पाकुड़ राज +2 हाईस्कूल से राज शब्द हटा दिया गया है। जिला स्कूल, हजारीबाग से जिला शब्द हटा दिया गया है।
मलाला युसुफजई की तस्वीर लगाने को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “तुष्टिकरण की राजनीति में झारखंड सरकार इतना गिर गई है कि एक पाकिस्तानी एक्टिविस्ट की तस्वीर सरकारी स्कूल में लगा कर प्रचार प्रसार किया जा रहा है।”
अपने ट्वीट में मरांडी ने आगे लिखा, “ये तो भला हो जनता का जो जागरूक है और गाँव वालों के विरोध के बाद यह तस्वीर हटानी पड़ी… मुख्यमंत्री जी…अगर लड़कियों की शिक्षा के लिए आपको किसी आइकॉन की तस्वीर लगानी ही है तो सावित्रीबाई फुले की लगाइए…किसी दुश्मन देश के आइकॉन का नहीं!”
बता दें कि इससे पहले मुस्लिम बहुल इलाकों में चल रहे स्कूलों के नाम में जबरन उर्दू शब्द जोड़ने की खबरें भी आई थीं। इन स्कूलों में सिर्फ उर्दू शब्द ही नहीं जोड़े गए थे, बल्कि रविवार की जगह स्थानीय लोगों ने शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी भी जबरन घोषित कर दी थी। इसको लेकर देश भर में बवाल हुआ था। इसके बाद शिक्षा विभाग ने इसे ठीक कराया था।
झारखंड के 5 जिलों में 70 ऐसे स्कूलों का पता चला था, जहां रविवार की छुट्टी की जगह मुस्लिम समुदाय ने जबरन जुमे (शुक्रवार) को छुट्टी तय कर दी थी। इतना ही नहीं, इन स्कूलों में होने वाले प्रार्थना को भी बदल दिया था। इसको लेकर हेमंत सोरेन की देश भर में किरकिरी हुई थी।