
कर्नाटक में जैन मुनि आचार्य कामकुमारा नंदी महाराज की नृशंस हत्या के बाद राज्य में CBI जांच की मांग की जा रही है। केवल राज्य में ही नहीं पूरे देश में अब जैन मुनि की हत्या की निंदा हो रही है। जैन समाज के लाेगों समेत विपक्षी दल भी जैन मुनि की हत्या के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस मांग को ही सिरे से खारिज कर रही है।
कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने जैन मुनि की सीबीआई जांच की मांग पर कहा कि 'हमारी कर्नाटक पुलिस विभाग सक्षम है, सीबीआई को यह मामाला सौंपने की अभी जरूरत नहीं है। कर्नाटक पुलिस विभाग की जांच पूरी होने के बाद सच सामने आ जाएगा। अभी किसी पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। कर्नाटक पुलिस इस मामले में बिना किसी दबाव के निष्पक्षता तरीके से काम कर रही है।'
कर्नाटक पुलिस इस सिलसिले में दो लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इन आरोपियों में नारायण बसप्पा माडी और हसन दलायथ शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जैन मुनि की हत्या पैसे के लेन-देन को लेकर की गई थी।
बीजेपी के राज्य प्रमुख नलिन कुमार कतील ने जैन मुनि की हत्या की घटना पर निंदा व्यक्त की और अपराध से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
जैन मुनि कामकुमारा नंदी महाराज 15 साल से कर्नाटक के नंदी पर्वत जैन मठ में रहते थे। नंदी महाराज के प्रबंधक बसाड़ी भीमप्पा उगारे ने छह जुलाई को उनके लापता होने की जानकारी कर्नाटक पुलिस को दी थी। बाद में मुनिश्री का शव टु़कड़ों में कटा हुआ मिला था।
कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों बसप्पा माडी और हसन को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद एक बोरवेल से जैन मुनि के शव के टुकड़े बरामद किए थे।
पुलिस जांच के दौरान पता चला कि मुनि लोगों को ऋण दिया करते थे। नंदी महाराज ने कुछ संदिग्धों को भी ऋण दिया था और उन्होने पैसे वापस मांगने के दौरान नंदी महाराज की हत्या कर दी।
कर्नाटक पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने हत्या की बात कबूल ली है। आरोपियों ने बताया कि हत्या के बाद मुनि की लाश के टुकड़े कर कटकाबावी गांव के पास एक नदी में फेंक दिए गये थे। मुनि ने इन दोनों आरोपियों को भी पैसे उधार पर दिए थे और जब मुनि ने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने मुनि की हत्या कर दी।