Karnataka: कॉलेज के बाथरूम में लड़कियों के वीडियो रिकॉर्ड कर अपने मजहब के लड़कों को भेजती थीं, उडुपी में अजमेर जैसा सेक्स स्कैंडल?

Udupi Crime News: रिपोर्टों के अनुसार मजहब विशेष की छात्राओं की करतूत उजागर होने के बाद कॉलेज प्रशासन ने तीनों को निलंबित कर दिया। वीडियो रिकॉर्ड के लिए महिला शौचालय में लगाए थे कैमरे।
(प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bing AI)
(प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bing AI)
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Karnataka Udupi Crime News: कर्नाटक के उडुपी स्थित एक प्राइवेट कॉलेज के महिला टॉयलेट में मोबाइल कैमरा मिलने का मामला सामने आया। आरोप है कि कॉलेज में पढ़ने विशेष समुदाय की 3 लड़कियों ने यह मोबाइल कैमरा रखा था।

इस कैमरे में अन्य समुदाय की लड़कियों के प्राइवेट वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद ये छात्राएं अपने समुदाय के लड़कों के साथ वीडियो शेयर कर देतीं थीं।

जब घटना सामने आई तो अन्य छात्रों और हिन्दू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके बाद कॉलेज ने तीन छात्रों को निलंबित कर दिया।

अजमेर सेक्स स्कैंडल जैसी घटना

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला उडुपी के अंबलपाडी बाईपास में स्थित नेत्र ज्योति कॉलेज का है। इसे 1992 के कुख्यात अजमेर सेक्स स्कैंडल से जोड़कर देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ता रश्मी सामंत ने उडुपी की घटना को अजमेर की घटना से जोड़ा है। ट्वीट्स की एक शृंखला में उन्होंने आरोप लगाया कि नग्न तस्वीरों के साथ ब्लैकमेल की गईं "बेदाग" लड़कियों को परेशान किया गया और उन्हें अपना जीवन समाप्त करने के लिए प्रेरित किया गया।

सामंत ने आरोप लगाया कि ऐसे वीडियो या तस्वीरें सामुदायिक व्हाट्सएप समूहों में अपराधियों को भेजी गईं थीं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की न तो निंदा की जा रही है और न ही इसे ''उस गंभीरता के साथ देखा जा रहा है जिसकी यह हकदार है।''

एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने उडुपी घटना को अजमेर सेक्स स्कैंडल से जोड़ते हुए इसे 'अजमेर 1992 पार्ट 2' करार दिया। एक अन्य सोशल मीडिया यूजर ने भी यही दावा किया और इसे 'उडुपी फाइल्स' कहा जा सकता है।

जानें क्या है 1992 का अजमेर सेक्स स्कैंडल?

90 के दशक में देश को हिलाकर रख देने वाले सबसे भयावह सेक्स स्कैंडलों में से एक, अजमेर कांड, जो 1992 में सामने आया था, वह था स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली सैकड़ों लड़कियों को व्यवस्थित रूप से ब्लैकमेल करना और सामूहिक बलात्कार करना। रिपोर्टों के अनुसार, यह कुछ वर्षों में हुआ।

अपराधी अंतरंग क्षणों को रिकॉर्ड करके या नग्न तस्वीरें पोस्ट करके पीड़ितों को ब्लैकमेल करते थे। इन अश्लील तस्वीरों या वीडियो को फिर स्थानीय गिरोहों को भेज दिया जाता था, जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग होते थे, जो लड़कियों का यौन शोषण करते थे।

यह तब शुरू हुआ जब कथित तौर पर अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़े एक व्यक्ति ने एक लड़की से दोस्ती की और उसे जाल में फंसाया। इससे वह सिलसिला शुरू हुआ जो सैकड़ों स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों के शोषण के साथ समाप्त होगा।

यह दिल दहला देने वाली घटना अप्रैल में तब सामने आई जब एक स्थानीय अखबार ने कथित तौर पर लड़कियों की कुछ अश्लील तस्वीरें प्रकाशित कीं और एक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि स्थानीय गिरोहों द्वारा उनका यौन शोषण किया जा रहा है।

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