राजस्थान में जब जब न्याय की मांग के लिए डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने आवाज उठायी है तब तब सरकार को झुकना पड़ा है यही नहीं किरोड़ी लाल मीणा ने पुजारी की हत्या मामले में भी सरकार को घुटनो के बल लाकर खड़ा कर दिया था वही आज फिर
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के आगे सरकार की इंटेलिजेंस पूरी तरह फेल साबित हो गई। किरोड़ी मीणा 30 से ज्यादा अनाथ बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के गेट तक पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। मीणा करीब एक घंटे तक धरना देते रहे। बाद में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास से वार्ता के बाद किरोड़ी मीणा धरने से उठे। सीएम हाउस के गेट के बाहर इस तरह धरने का यह पहला मामला है। इस घटना ने प्रदेश के इंटेलिजेंस तंत्र की पोल खोल कर रख दी है।
किरोड़ी मीणा दोपहर में गाड़ियों के काफिले के साथ जवाहर सर्किंल के पास सिद्धार्थ नगर में अपने घर से मानसरोवर होते हुए सिविल लाइंस पहुंचे। किरोड़ी का काफिला अचानक सीएम निवास के बाहर आकर रुक गया और गाड़ियों से बड़ी संख्या में बच्चे और उनके रिश्तेदार उतरे। देखते ही देखते किरोड़ी मीणा बच्चें को लेकर सीएम निवास के बाहर धरने पर बैठ गए। यह घटनाक्रम इतना तेजी से हुआ कि सुरक्षाकर्मी भी हक्के-बक्के रह गए।
अचानक से बड़ी संख्या में बच्चों को धरने पर बैठे देख सीएम हाउस की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। सोडाला थाने और सीएम सिक्योरिटी में लगे बड़ी तादाद में सुरक्षाकर्मी और पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन किरोड़ी प्रदर्शन करते रहे। सीएम हाउस सहित सिविल लाइंस के इलाके में हर वक्त धारा 144 लगी रहती है, इसके बावजूद किरोड़ीलाल मीणा अचानक बच्चों के साथ आकर धरने पर बैठ गए और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।