बिहार में छह और लोगों की जहरीली शराब से मौत, तीन दिनों में गई 33 लोगों की जान

शुक्रवार तक पिछले 15 दिनों में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 41 लोगों के मरने की खबर थी।
बिहार में छह और लोगों की जहरीली शराब से मौत, तीन दिनों में गई 33 लोगों की जान

बिहार में जहरीली शराब कहर बनकर टूटा है। कई शहरों में जहरीली शराब की वजह से काफी लोगों की मौत हो गई है। बिहार में जहरीली शराब ने और छह लोगों की जान ले ली। समस्तीपुर में जहां चार लोगों की मौत हो गई, जबकि गोपालगंज के और दो लोगों ने इलाज के दौरान पटना में दम तोड़ दिया।

मृतकों में चकसीमा गांव निवासी व सेना के जवान मोहन कुमार (27), दीगल चकसीमा के रहने वाले बीएसएफ के एसआई विनय कुमार सिंह (53), संग्र्रामपुर के श्याम नंदन चौधरी (50) तथा रुपौली के वीरचंद्र राय (35) शामिल हैं। मोहन कुमार दिल्ली में और विनय कुमार सिंह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे।

पिछले तीन दिनों में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें पश्चिम चंपारण के 16, गोपालगंज के 13 तथा समस्तीपुर के चार लोग शामिल हैं। शुक्रवार तक पिछले 15 दिनों में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों से 41 लोगों के मरने की खबर थी।

शराबबंदी कानून की समीक्षा कर इसके पालन को लेकर कड़े कदम उठाएंगे।

लगातार हो रही ऐसी घटनाओं को विपक्ष बिहार में शराबबंदी की विफलता मानता है। राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने इसे सरकार व शराबबंदी कानून की विफलता माना है।
आरजेडी के प्रवक्‍ता चितरंजन गगन कहते हैं कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दिखावे वाली शराबबंदी ने एक समानांतर अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है, जिसमें अवैध शराब निर्माण, शराब की तस्करी तथा उसकी घरों में आपूर्ति को पुलिस का संरक्षण प्राप्‍त है।

इस कारण निर्दोष लोगों की मौत हो रही है। विपक्ष की आलोचना के बीच जेडीयू प्रवक्ता डा. सुहेली मेहता कहतीं हैं कि ये घटनाएं निश्चित तौर पर दर्दनाक हैं और नहीं होनी चाहिए। हालांकि, इसमें समाज की सक्रिय भागीदारी भी जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार अवैध शराब की घटनाओं को लेकर गंभीर हैं।

उन्होंने शीर्ष पुलिस और आबकारी अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि छठ के बाद वे शराबबंदी कानून की समीक्षा कर इसके पालन को लेकर कड़े कदम उठाएंगे।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com