बिहार के पटना के गांधी मैदान में 8 साल पहले हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट ने 9 आतंकियों को सजा सुनाई है। जिसमें कोर्ट के जज ने 4 आतंकियों को मौत, 2 को उम्रकैद, दो दोषियों को 10 साल और एक को 7 साल की सजा सुनाई है।
एनआईए कोर्ट ने हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम और मो. मोजीबुल्लाह अंसारी को मौत की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन सभी 6 आतंकियों को आईपीसी की धारा 302, 120बी और यूएपीए एक्ट जैसी गंभीर धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।
एनआईए के स्पेशल पीपी ललित प्रसाद सिन्हा ने इन आतंकियों के लिए फांसी की मांग की थी, साथ ही कोर्ट ने अहमद हुसैन और फिरोज आलम को 10 साल और इफ्तिखार आलम को 7 साल की सजा सुनाई थी। जिसमें से इफ्तिखार की 7 साल की सजा पूरी हो चुकी है।
• उमर सिद्दीकी: 120बी/302 आईपीसी
• अजहरुद्दीन: 121/121ए आईपीसी, 18,19,20 यूएपीए अधिनियम
• नोमान अंसारी: 302/34 आईपीसी
• हैदर अली उर्फ अब्दुल्ला उर्फ ब्लैक ब्यूटी: 120बी/302 आईपीसी
• मोहम्मद मोजीबुल्लाह अंसारी: 307/34/121/121ए, 3/5 विस्फोटक अधिनियम, 16/18/20 यूएपीए अधिनियम
• इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम: 120बी/302 आईपीसी
इससे पहले बचाव पक्ष के वकील सैयद इमरान गनी ने अदालत के बाहर कहा था कि उन्होंने दोषियों के पुनर्वास की मांग की है। क्योंकि, लोक अभियोजक यह साबित करने में विफल रहे कि उनका पुनर्वास नहीं किया जा सकता है।
दोषियों में गया के महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में 5 आतंकी भी आरोपी हैं। जिस पर वे जेल में सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने 27 अक्टूबर को मामले में 10 में से 9 आरोपियों को दोषी करार दिया था। आरोपियों को पटना के बेउर जेल में रखा गया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में दोषियों की सजा का ऐलान 1 नवंबर को किया जाएगा, जबकि एक आरोपी और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर निवासी फखरुद्दीन को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआईए ने 11 आरोपियों को किया गिरफ्तार इसमें एक नाबालिग है। उनका मामला किशोर न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।
27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली हुई थी। इस रैली में बीजेपी के पीएम उम्मीदवार और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। प्रतिबंधित संगठन सिमी के आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी थे। एनआईए की जांच और कोर्ट में पेश किए गए सबूतों से ये बात साफ हो गई है।
गया के महाबोधि मंदिर परिसर में हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आतंकियों की लामबंदी हुई। उधर, आतंकी उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन और हैदर अली ने मिलकर पटना में गांधी मैदान सीरियल बम ब्लास्ट की तैयारी की थी।
हुंकार रैली के दौरान हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई और 89 घायल हो गए। यह मामला पिछले 8 साल से कोर्ट में है। मामले को खत्म करने के लिए जांच एजेंसी एनआईए की टीम और कोर्ट में वकीलों की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी और कड़ी मेहनत का नतीजा सामने आया।
पटना सीरियल ब्लास्ट मामले में जिन 9 आतंकियों को दोषी ठहराया गया है, उनमें आतंकी उमर सिद्दीकी और अजहरुद्दीन छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हैं. जबकि अहमद हुसैन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के हैं। वहीं इम्तियाज अंसारी, मोजीबुल्लाह, हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, फिरोज आलम उर्फ पप्पू और इफ्तिखार आलम झारखंड के रहने वाले हैं।
• पहला धमाका: पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 के शौचालय में सुबह 9:30 बजे
• दूसरा धमाका: गांधी मैदान के बाहर उद्योग भवन के पास सुबह 11:40 बजे
• तीसरा धमाका: दोपहर 12:05 बजे गांधी मैदान के बाहर रीजेंट सिनेमा के पास
• चौथा धमाका: गांधी मैदान में दोपहर 12:10 बजे बापू की पुरानी प्रतिमा के पास
• पांचवां धमाका: गांधी मैदान के दक्षिणी हिस्से में ट्विन टावर्स के पास दोपहर 12:15 बजे
• छठा विस्फोट: गांधी मैदान के पश्चिमी भाग में स्टेट बैंक के पास दोपहर 12:20 बजे
• सातवां धमाका: गांधी मैदान के बाहर चिल्ड्रेन पार्क के पास दोपहर 12:45 बजे