Dindori News: पीएम मोदी को भाया बैगाचक की लहरी बाई का बीज बैंक; जानें पूरा मामला

Dindori News: बैगा महिला लहरी बाई 25 से अधिक प्रजाति के मोटे अनाज को बचाने की कच्‍चे घर से कर रही पहल। Since Independence पर पढ़ें लहरी बाई की पूरी कहानी।
Dindori News: पीएम मोदी को भाया बैगाचक की लहरी बाई का बीज बैंक; जानें पूरा मामला

Dindori News: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले के बैगा चक निवासी 27 वर्षीय बैगा महिला का बीज बैंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भा गया है। प्रधानमंत्री द्वारा ट्यूटर अकाउंट से लहरी बाई का जिक्र करते हुए विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज बचाने की प्रशंसा कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में मोटे अनाज को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल के बाद से ही डिंडौरी जिले के बैगाचक निवासी लहरी बाई की चर्चाएं प्रदेश भर में होने के साथ अब प्रधानमंत्री तक पहुंच गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गत दिनों यह कहकर कि डिंडौरी जिले में मोटे अनाज के प्रसंस्करण को लेकर पहले से ही कार्य चल रहा है। इन चर्चाओं को और बल मिला है।

कच्चे आवास में बीज संग्रहण

गौरतलब है कि लहरी बाई मोटे अनाज की विलुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए विगत एक दशक से कार्य कर रही हैं। बैगा महिला लहरी बाई ने अपने कच्चे आवास में ही मोटे अनाज की 25 से अधिक विलुप्त प्रजाति के बीज का बैंक तैयार किया है। लहरी बाई अपने गांव सहित आसपास के दो दर्जन से अधिक गांव के किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलब्ध कराती हैं।

जिले में मोटे अनाज बोवनी का रकबा और बढ़ाने की तैयारी भी कलेक्टर ने तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने भी इसे विस्तार देने की बात कही है। लहरी बाई को कलेक्टर विकास मिश्रा ने गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि भी बनाया गया था। जिले में यह पहला अवसर था, जब किसी बैगा महिला को गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि बनाकर मंच पर बैठाया गया था।

150 से अधिक दुर्लभ बीजों का संरक्षण

बैंक में तीन प्रकार के विलुप्त सलहार के बीज सहित इसी तरह बड़े कोदो, लदरी कोदो, डोंगर कुटकी, लाल डोंगर कुटकी, सिताही कुटकी, नागदावन कुटकी, लालमडिया, गोदपारी मडिया सहित अन्य बीज भी महिला के बीज बैंक में उपलब्ध है। यह अनाज अब वैगाचक क्षेत्र में दिखने लगा है। अपने आवास में मिट्टी की कोठी बनाकर बीज को संरक्षित रखा गया है।

लहरी बाई के पास विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के 25 से अधिक प्रजाति के बीज है। इनमें कोदो, कुटकी, सनवा, मढ़िया, सालहर और काग फसलों सहित बाजरा के लगभग 150 से अधिक दुर्लभ बीजों का संरक्षण है।

लहरी बाई विगत 10 वर्ष से आसपास के 25 गांव के आदिवासी किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलब्ध कराती आ रही हैं। इस पहल से विलुप्त होती प्रजाति के अनाज अब भी लोगों के पास है। लहरी बाई ने बीज बैंक भी बना है। यह बहुत उल्लेखनीय पहल है। जिले में मोटे अनाज की पैदावार और बढ़ाने को लेकर विशेष कार्ययोजना बनाते हुए पहल की जा रही है।

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