MP Election: हिंदुत्व, आदिवासी, दलित... कांग्रेस हर मोर्चे पर पिछड़ी; BJP को लाभ

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में भाजपा की पौबाहर है। मोदी समेत कई दिग्गजों की लीडरशिप समेत भाजपा को केंद्र और राज्य दोनों की योजनाओं का लाभ मिलना तय है।
MP Election: हिंदुत्व, आदिवासी, दलित... कांग्रेस हर मोर्चे पर पिछड़ी; BJP को लाभ

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ अपने अन्य हैवीवेट चेहरों को मैदान में उतार दिया है। वहीं, कांग्रेस अब भी अपने दो सबसे पुराने और विश्वसनीय चेहरों के दम पर ही मैदान में है। ये अलग बात है कि इन दो ‘मजबूत’ चेहरों में ही कपड़े फाड़ने की नौबत आ चुकी है। दोनों एक-दूसरे के समर्थकों से कह रहे हैं कि वो जाकर सामने वाले के कपड़े फाड़े।

कमलनाथ ने तो दिग्विजय सिंह के लिए ये कह दिया कि ‘मैंने दिग्विजय सिंह को गाली खाने के लिए पॉवर ऑफ अटार्नी दी है’। खैर, मध्य प्रदेश में चुनावी मुद्दों की बात करें तो विकास, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, वादाखिलाफी, जनजातीय मुद्दे, महिला आरक्षण, ओबीसी आरक्षण और हिंदुत्व के साथ ही धार्मिक केंद्रों के विकास भी खास चुनावी मुद्दों में शामिल हैं।

कांग्रेस की लीडरशिप पुराने चेहरों पर टिकी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपने दो पुराने चेहरों- कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को ही आगे करके चुनाव लड़ रही है। कमलनाथ मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं, लेकिन खींचतान में दिग्विजय सिंह अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ कमलनाथ को दबाव में लेते दिख रहे हैं। कांग्रेस के बड़े चेहरों में पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और केसी वेणुगोपाल हैं।

वहीं, रणदीप सुरजेवाला को केंद्र और राज्य की टीमों के साथ समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस के पास जनजातीय चेहरे के तौर पर कांतिलाल भूरिया हैं, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्हें कांग्रेस ने चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष भी बनाया है।

भाजपा में मोदी समेत कई ‘बड़े’ सूरमा खड़े

भाजपा के चुनावी कैंपेन का प्रमुख चेहरा निर्विवाद रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उनका साथ दे रहे हैं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह। उसके साथ मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष भी चुनाव की कमान संभाल रहे हैं।

राज्य की लीडरशिप में शिवराज सिंह चौहान बिना किसी शक के बड़े चेहरे हैं, लेकिन कोई कमीं न छूट जाए, इसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। भाजपा के पास भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव जैसे महारथी भी हैं तो रॉयल चेहरे के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। ग्वालियर संभाव में उनकी पकड़ अब भी काफी मजबूत मानी जाती है।

भाजपा को मिलेगा इनका फायदा

  • लाडली बहन योजना: शिवराज सिंह चौहान की देखरेख में लाडली बहन योजना चलती है, जिसके तहत अभी तक 1250 रुपए प्रति माह की सहायता महिलाओं को दी जाती थी, इसे बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति माह करने का ऐलान किया गया है। शिवराज चौहान ने चुनाव के बाद लाडली बहन योजना की लाभार्थी महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है, जबकि कांग्रेस का वादा 500 रुपए में सिलेंडर देने का है।

  • केंद्र-राज्य सरकार की योजनाएं: भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार की योजनाओं का बड़ा वर्ग मध्य प्रदेश में है। राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम-किसान योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना और आयुष्मान भारत योजना के करोड़ लाभार्थी भाजपा के आत्मविश्वास को मजबूत कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल पास करके पहले ही इस मोर्चे पर बाजी मार ली है, और कॉन्ग्रेस कोटे के अंदर कोटा की माँग करके महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है।

  • आदिवासियों के मुद्दे : मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग अगर सबसे ताकतवर है भी तो भी आदिवासियों का महत्व इस बात से समझ सकते हैं कि एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में जो बाजी मारता है, वही राज्य में सरकार बनाता है। मध्य प्रदेश में 21 प्रतिशत आबादी एसटी वर्ग की है, जिसके लिए प्रियंका गाँधी वाड्रा ने पेसा के विस्तार का वादा किया है। वहीं, भाजपा के पास देश को पहली जनजातीय राष्ट्रपति देने का गौरवगान है।

  • ओबीसी आरक्षण : कांग्रेस एक तरफ ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने के नाम पर चुनावी वादे किए जा रही है और आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक करने की माँग कर रही है, साथ ही वादा भी कर रही है, लेकिन इसके कानूनी पहलुओं पर वो बात नहीं करना चाहती। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ओबीसी वर्ग के लिए तमाम योजनाएँ चला रही है। ओबीसी वर्ग के चेहरे के तौर पर भाजपा में कई कद्दावर नेता मौजूद हैं।

  • हिंदुत्व : मध्य प्रदेश में हिंदुत्व बड़ा चुनावी मुद्दा है। हिंदुत्व और विकास की राजनीति के सहारे करीब दो दशकों से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने की कोशिश कांग्रेस जरूर कर रही है, लेकिन हकीकत ये है कि उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर से लेकर छिंदवाड़ा के हनुमान कॉरिडोर तक भाजपा ही भारी पड़ रही है। वहीं, रही सही कसर हिंदुत्व और सनातन पर कॉन्ग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों खासकर डीएमके के नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान की तो इसके बाद से कॉन्ग्रेस बैकफुट पर आ चुकी है।

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