MP News: दस साल में दिग्विजय ने किया बंटाधार, शिव’राज’ में MP की बदल गई तस्वीर

Madhya Pradesh News: कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के शासनकाल में MP के साथ बीमारू का टैग लगा था। शिवराज के शासन में हुए विकास के कारण यह टैग अब हट चुका है।
MP News: दस साल में दिग्विजय ने किया बंटाधार, शिव’राज’ में MP की बदल गई तस्वीर

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में आज शुक्रवार 230 सीटों के लिए मतदान चल रहा है। यहां हम कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के शासन और भाजपा के शिवराज सिंह चौहान के शासन काल विश्लेषण कर रहे हैं।

साल 1993 से 2003 तक कांग्रेस सरकार में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे। एक दशक लंबे कार्यकाल के दौरान राज्य को ‘बीमारू’ राज्य का कुख्यात उपनाम मिला। बीमारू राज्यों में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल है। ये राज्य विकास और सुशासन के प्रमुख मापदंडों को पूरान नहीं करने वाले राज्य हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में जबरदस्त विकास हुआ। उन्हें विरासत में खस्ताहाल खजाना, पटरी से उतरती अर्थव्यवस्था, अव्यवस्थित शासन, ढहता बुनियादी ढाँचा मिला था। इन चुनौतियों के बावजूद उन्होंने राज्य में एक उल्लेखनीय परिवर्तन किया। इस कारण से मध्य प्रदेश पर से कुख्यात 'बीमारू' टैग अब हट गया है।

इन आंकड़ों से समझें पूरा गणित

2003 के बाद से GDSP में 16 गुना, प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि

मध्य प्रदेश के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2003-04 में जीएसडीपी 85,530.48 करोड़ रुपए दर्ज की गई थी। वहीं, प्रति व्यक्ति आय लगभग 13,465 रुपए थी। इसके विपरीत, इस वर्ष 2023 के बजटीय विश्लेषण में जीएसडीपी लगभग 13,87,117 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। अगर इसी वर्ष में प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो यह बढ़कर 1,40,583 रुपए हो गई है। इस तरह मध्य प्रदेश की जीएसडीपी में 16 गुना से अधिक की जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। वहीं, प्रति व्यक्ति आय में भी लगभग 10 गुना वृद्धि देखी गई है।

राजस्व में 13 गुना वृद्धि, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट

मध्य प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 16.43 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर दर्ज की गई है। इसी तरह, मध्य प्रदेश वर्ष 2002-03 में का कर राजस्व मात्र 6,805 करोड़ रुपए था। साल 2023-24 में इसमें लगभग 13 गुना वृद्धि देखी गई है और इसे लगभग 86,500 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

2001-2003 के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य का मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) लगभग 379 था। 2019 में ही इसमें लगभग 57% की गिरावट देखी गई। साल 2017-19 में मातृ मृत्यु लगभग 163 था। इसी तरह मध्य प्रदेश ने भाजपा शासन के दौरान शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) प्रति 1,000 जीवित जन्म को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

शिवराज सरकार की कल्याणकारी योजनाएँ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर बल दिया। इसमें प्रमुख महिला सशक्तीकरण को लेकर शुरू की गई लाडली लक्ष्मी योजना और कन्यादान योजना भी शामिल है। उन्होंने ‘मामा’ उपनाम अर्जित किया और महिला मतदाताओं अपनी जबरदस्त पकड़ बनाई।

लाडली लक्ष्मी योजना लड़कियों के जन्म को लेकर लोगों में सकारात्मक धारणा पैदा करने के लिए शुरू गई थी। यह एक सरकार द्वारा प्रायोजित बीमा योजना है, जो लड़की को 21 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर 1 लाख रुपए की राशि देती है।

महिलाओं की कल्याण योजना में नकद प्रोत्साहन योजना भी शामिल है, जो उन्हें अस्पताल में प्रसव कराने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस योजना के कारण यह दर 26 से बढ़कर 70 प्रतिशत हो गई। इन महिला-केंद्रित योजनाओं से साक्षरता दर और एमएमआर और आईएमआर जैसे स्वास्थ्य मापदंडों में सुधार करने में लाभ मिला।

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