
Khadwa MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा स्थित मिशनरीज द्वारा संचालित सेंट पॉयस हायर सेंकेंडरी स्कूल में बच्चों से कलमा पढ़वाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि स्कूल में हिन्दू बच्चों से कलमा पढ़वाया गया।
अभिभावकों ने इसकी जानकारी पता चलने पर पुलिस और प्रशासन से शिकायत की है। जिसके बाद एसडीएम ने जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं इस घटना को लेकर हिन्दू संगठनों में खासा आक्रोश देखा गया है।
मामला बुधवार है, जहां ईद उल अजहा के त्योहार को लेकर खंडवा शहर के मिशनरी स्कूल सेंट पॉयस में प्रार्थना सभा के बाद स्कूल की प्रिंसिपल ने चार मुस्लिम बच्चों को मंच पर बुलाया और उन्हें बाकी बच्चों को बकरीद के त्योहार के संबंध में बताने को कहा।
जिसके बाद मंच पर खड़े बच्चों ने कलमा पढ़कर सुनाया, और सभी बच्चों से कलमा पढ़ा, लेकिन घर आते ही इन छात्रों ने अपने परिजनों से स्कूल द्वारा किए गए इस कृत्य की शिकायत की।
मामले में अभिभावकों के साथ-साथ हिन्दू संगठनों में आक्रोश है। विश्व हिंदू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सेंट पॉयस हायर सेंकेंडरी स्कूल के इस कृत्य पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, कई अभिभावकों ने भी जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की शिकायत की है। हिंदू संगठनों द्वारा इसे मिशनरी का षड्यंत्र बताया गया है, और कहा है कि यह लोग बच्चों का ब्रेनवॉश करने में लगे हुए हैं, इनता उद्देश्य यही है कि कैसे भी ये बच्चे सनातन हिन्दू धर्म से दूर हो जाएं।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के साथ-साथ अन्य हिन्दू संगठनों ने भी मामले में गहनता से पूरी जांच की मांग की है, इसी के साथ उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इन स्कूलों के पास इतना धन कहां से आता है, इनके खातों की जांच की जानी चाहिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएसपी और जिला शिक्षा अधिकारी सख्त रुख अफना लिया है।
इस संबंध में विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह दोनों (ईसाई एवं इस्लाम) की मिलीभगत का सबसे बड़ा उदाहरण है, जो कई बार पहले भी मध्यप्रदेश के खंडवा से सामने आया है। यह बहुसंख्यक हिन्दू समाज के बच्चों पर मनोवैज्ञानिक रूप से सुनियोजित आक्रमण है।
खंडवा एसडीएम अरविंद चौहान ने कहा कि अभिभावकों और हिंदू संगठनों ने स्कूल में कलमा पढ़ाए जाने की शिकायत की है। प्रशासन और शिक्षा विभाग पूरे मामले की जांच करवा रहा है। संबधित विभाग को जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।