मध्य प्रदेश: गृह विभाग ने महिला आरक्षक को दी लिंग परिवर्तन की अनुमति, प्रदेश का पहला मामला
मध्य प्रदेश: गृह विभाग ने महिला आरक्षक को दी लिंग परिवर्तन की अनुमति, प्रदेश का पहला मामला Image Credit: Amar Ujala

मध्य प्रदेश: गृह विभाग ने महिला आरक्षक को दी लिंग परिवर्तन की अनुमति, प्रदेश का पहला मामला

मध्य प्रदेश से एक अजीबों गरीब मामला सामने आया है। बता दें की पहली बार गृह विभाग ने एक पुलिस कांस्टेबल को लिंग बदलने की अनुमति दी है। जिसे अनुमति दी गई है वह एक महिला कांस्टेबल है।
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मध्य प्रदेश से एक अजीबों गरीब मामला सामने आया है। बता दें की पहली बार गृह विभाग ने एक पुलिस कांस्टेबल को लिंग बदलने की अनुमति दी है। जिसे अनुमति दी गई है वह एक महिला कांस्टेबल है। उसने पुरुष बनने के लिए लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति मांगी थी। राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों ने पुष्टि की है कि महिला कांस्टेबल को बचपन से ही जेंडर आइडेंटिटी संबंधी डिसऑर्डर रहा है। 

गृह विभाग ने दी लिंग परिवर्तन की अनुमति

प्राप्त जानकारी के अनुसार अनीता (बदला हुआ नाम) महिला सिपाही के पद पर तैनात है। उसे पुलिस महानिदेशक ने लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति दी है। अनीता ने अपने जिले में पुरुषों की तरह पुलिस का काम किया है। विधिवत आवेदन भी किया। शपथ पत्र प्रस्तुत किया। लिंग परिवर्तन के इरादे की अधिसूचना 2019 में भारत के राजपत्र में प्रकाशित हुई थी। इसके बाद ही आवेदन पुलिस मुख्यालय को भेजा गया था। पुलिस मुख्यालय ने इस आवेदन पर गृह विभाग से अनुमति मांगी थी। कानून विभाग ने गृह विभाग को एक एडवाइजरी में कहा था कि एक भारतीय नागरिक को अपने धर्म या जाति की परवाह किए बिना अपना लिंग चुनने की स्वतंत्रता है। इसके बाद अनीता को जेंडर चेंज कराने की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है।

पांच साल पहले महाराष्ट्र में आया था पहला केस

पांच साल पहले बीड की 29 वर्षीय महिला कांस्टेबल ललिता साल्वे ने जेंडर बदलने की इजाजत मांगी थी। यह देश में पहला मामला था। तमाम कानूनी अड़चनें दूर करने के बाद ललिता साल्वे ललित साल्वे बन गईं। इस कानूनी प्रक्रिया में उन्हें दो-तीन साल लग गए।

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