Shinde Government of Maharashtra: महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने अहमदनगर का नाम बदल अहिल्या नगर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने कुछ और जगहों के नाम बदल दिए हैं। बताया जा रहा है कि कुल आठ रेलवे स्टेशन के नाम भी मुंबई में अब बदल दिए गए हैं, ये सारे वो स्टेशन हैं जिनका नामकरण अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान हुआ था। ऐसे में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति लेने के लिए अब इन सभी जगहों के नाम बदल दिए गए हैं।
अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी राज्य में इस तरह से जगहों का नामकरण किया गया हो। बीजेपी शासित ज्यादातर राज्यों में नामकरण की ये प्रक्रिया लगातार होती रहती है। उत्तर प्रदेश में तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई जगहों के नाम बदल दिए हैं। इलाहाबाद बन चुका है प्रयागराज, फैजाबाद बन चुका है अयोध्या। इसी तरह 2019 के अर्द्ध कुंभ को ही उन्होंने कुंभ का नाम दे दिया था। अब अगर सीएम अपने स्तर पर नाम बदल रहे हैं तो पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कुछ पुरुस्कारों का नाम बदल इस ट्रेंड को बढ़ावा दिया है।
मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया था। उससे पहले मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल की जगह नरेंद्र मोदी के नाम पर कर दिया गया। वैसे देश की सियासत में शहरों से लेकर स्टेशनों के नाम बदलने का सिलसिला काफी पुराना है। कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की, सभी ने अपनी राजनीतिक के हिसाब से नामकरण किया है।
स्वतंत्र भारत में साल 1950 में सबसे पहले पूर्वी पंजाब का नाम पंजाब रखा गया। 1956 में हैदराबाद से आंध्रप्रदेश, 1959 में मध्यभारत से मध्यप्रदेश नामकरण हुआ। सिलसिला यहीं नहीं खत्म हुआ। 1969 में मद्रास से तमिलनाडु, 1973 में मैसूर से कर्नाटक, इसके बाद पुडुचेरी, उत्तरांचल से उत्तराखंड, 2011 में उड़ीसा से ओडिशा नाम किया गया।