NCP Crisis: चाचा को हटा भतीजे ने पार्टी पर ठोका दावा, बागी गुट ने अजित पवार को चुना NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष

NCP Crisis: एनसीपी अब दो भागों में बंट चुकी है। बागी गुट ने अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है। वहीं पार्टी पर कब्जे की लड़ाई अब चुनाव आयोग में भी पहुंच चुकी है।
NCP Crisis: चाचा को हटा भतीजे ने पार्टी पर ठोका दावा, बागी गुट ने अजित पवार को चुना NCP राष्ट्रीय अध्यक्ष
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Maharashtra Politics: अपने समय के सबसे बड़े संकट से जूझ रही एनसीपी अब दो भागों में बंटती हुई नजर आ रही है। अजित पवार की अगुवाई वाले गुट ने उन्हें (अजित पवार) एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने और शरद पवार को इस पद से हटाने का दावा किया है।

अजित पवार गुट के नेता सुनील तटकरे ने इसकी घोषणा की। वहीं इस गुट ने पार्टी पर भी अपना दावा ठोक दिया है। इस संबंध में चुनाव आयोग में एक अर्जी भी दाखिल की गई है।

शरद पवार गुट भी पहुंचा चुनाव आयोग

शरद पवार के गुट की तरफ से भी शिंदे सरकार में मंत्री बने 9 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग में एक अर्जी दी गई है। जानकारी के मुताबिक यह अर्जी शरद गुट के नेता जयंत पाटिल की तरफ से दी गई है।

चुनाव आयोग की तरफ से दोनों गुटों की तरफ से आई अर्जियों की पुष्टि की गई है। अब आयोग कानूनी पहलुओं पर विचार करके अंतिम फैसला लेगा।

इससे पहले दोनों गुटों ने अपने शक्ति प्रदर्शन के लिए मुंबई में विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में अजित पवार के गुट में विधायकों की मौजूदगी ज्यादा रही और शरद पवार के पक्ष में विधायकों का समर्थन कमजोर रहा।

पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास : शरद पवार

वहीं शरद पवार ने कहा कि पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जायेगा। जो लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमें सत्ता में लाए, वे हमारे साथ हैं। जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। शरद पवार ने अजित पवार को खोटा सिक्का तक कह दिया।

शरद पवार ने मुझे सीएम नहीं बनने दिया : अजित पवार

अजित पवार ने कहा, 'शरद पवार ने मुझे NCP का मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया। चाचा ने मुख्यमंत्री की सीट कांग्रेस को दे दी। 2014 में भी चाचा ने बीजेपी से गठबंधन की बात की थी।'

अजित ने कहा, '2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे। अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।'

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