17 वीं शताब्दी के कवि John Donne ने कहा था कि कोई भी आदमी एक द्वीप नहीं है... वैसे भी एक इंसान के बेहतर व्यवहार के लिए समाज की परिकल्पना जरूरी है। हालांकि, 11 साल के बच्चे को 22 कुत्तों की संगति में छोड़ना अलगाव और यातना से भी बद्दतर है।
आए दिन खबरें सुनने को मिलती है कि स्ट्रीट डॉग्स ने फलां बच्चे पर अटैक कर दिया। या फलानी जगह कुत्तों के आतंक रहवासी परेशान!!! वगैरह वगैरह। ऐसे में कई बार खौफ के मारे लोग अपने बच्चों तक को घर से बाहर नहीं निकलने देते हैं। लेकिन महाराष्ट्र के पुणे में इसके उलट मामला सामने आया है। ये सुनकर आपके भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे कि कोई मां बाप अपने बच्चे के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं। दरअसल इस मामले में मां-बाप ने क्रूरता की हदें ही पार कर दी। ऐसे में ये घटना डरावनी और चौंकान वाली है। जानकारी के अनुसार एक दंपत्ति ने अपने ही बेटे को 22 कुत्तों के बीच छोटे से फ्लैट में दो साल रहने को मजबूर कर दिया। बच्चा दिन-रात उनके बीच दो साल तक रहा (11-year-old boy starts behaving like an animal ) तो वो कुत्तों की ही हरकतें करने लगा और काटना सीख गया।
चौंकाने वाला ये मामला मामला पुणे के कोंढवा इलाके का है। यहां कुछ दिन पहले एक कृष्णाई बिल्डिंग के निवासियों ने चाइल्ड लाइन संगठन को इस बात की जानकारी दी। पड़ोंसियों ने बताया कि एक 10 से 11 साल का बच्चा दिनभर अपने फ्लैट की गैलरी में बैठा रहता है...। वहीं उसी फ्लैट से 20 से 25 कुत्तों की भोंकने की आवाजे भी आती रहती हैं...। जबकि मासूम के माता-पिता दिनभर अपने काम से बाहर रहते हैं और उनका बेटा इन कुत्तों के बीच ही रहता है। इसके बाद चाइल्ड लाइन संगठन वहां पहुंचा तो इस हैरान कर देने वाले मामले का खुलासा हुआ।
मामले को देख रहे वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सरदार पाटिल ने बातचीत में बताया कि आरोपी दंपत्ति का नाम संजय लोधरिया और शीतल लोधरिया है। इन्होंने अपने घर में 20 से 22 कुत्ते भी पाल रखे हैं। ये कुत्ते सड़क से उठा कर पालने के लिए लाए गए थे। ये कुत्ते उन्होंने अपने 1 बीएचके फ्लैट में बंद कर रखे थे वहीं अपने 11 साल के बेटे को भी इनके बीच कैद कर दिया था।