Ramnavami : आज पूरे भारतवर्ष में रामनवमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। कई शहरों में भव्य रैली भी निकाली जा रही है। इस बीच महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर ( पुराना नाम औरंगाबाद) में कट्टरपंथियों की भीड़ ने पथराव किया जिससे दंगे भड़क उठे।
वहीं दूसरा मामला महाराष्ट्र के जलगांव से सामने आया जहाँ धार्मिक जुलूस मस्जिद के बाहर से निकल रहा था। उस दौरान DJ बंद कराने को लेकर मुस्लिम लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया जो पथराव में बदल गया।
दरअसल, रामनवमी के अवसर पर शहर के कई इलाकों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। किराडपुरा बस्ती स्थित राम मंदिर में भी तैयारियां चल रही थीं। रात करीब 11.30 बजे श्रदालुओं का एक जत्था मंदिर की ओर जा रहा था। इस दौरान दूसरे समुदाय के लोगों ने गाली-गलौज कर दी जिससे दोनों गुटों में झगड़ा शुरू हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, थोड़ी देर बाद मजहबियों की एक समूह ने मंदिर की ओर पथराव शुरू कर दिया। कुछ लोग जान बचाने के लिए मंदिर में घुसे, उन पर भी हमला किया गया। लोगों ने पुलिस को बुलाया, लेकिन जब तक पुलिस आई, तब तक आगजनी शुरू हो चुकी थी। मंदिर के सामने खड़े पुलिस वाहन को दंगाइयों ने आग लगा दी।
कुछ ही देर में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों समेत भारी फोर्स मौके पर पहुंच गई। दंगाइयों ने उन पर भी पथराव किया और कार के शीशे तोड़ दिए। पुलिस ने लाठी चार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया। आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
स्थानीय लोगों ने बताया कि हिन्दुओं के घरों पर पथराव किया गया था। भीड़ काबू से बाहर होते देख पुलिस ने दो-तीन बार हवा में फायरिंग की थी। पुलिस ने आजाद चौक से सिटी चौक तक सभी रास्तों को जाम कर दिया और लगभग सुबह साढ़े तीन बजे जाकर दंगाइयों पर काबू पाया गया था।
मंगलवार रात महाराष्ट्र के जलगांव में एक धार्मिक जुलूस पालधी गांव से गुजर रहा था, जिसमें DJ भी बज रहा था। पालधी में एक मस्जिद के सामने से निकलते समय मुस्लिम लोगों के एक समूह ने डीजे बंद कराने को कहा। लेकिन दोनों गुटों में कहासुनी के बाद झगड़ा हो गया। और इसी बीच पथराव शुरू हो गया।
पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ लेकिन जल्द ही व्यवस्था बहाल कर दी गई। दंगा करने और सरकारी अधिकारियों पर हमले के आरोप में अब तक दो मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कई लोगों को नामजद किया गया है।