मेघायल के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। किसानों के मुद्दे पर सरकार और भाजपा की लाइन से हटकर बोल चुके मलिक ने साफ कहा कि वह दिल्ली के उन दो-तीन लोगों की इच्छा के खिलाफ बोल रहे हैं, जिन्होंने उन्हें गवर्नर बनाया है और जब कहेंगे, तो वह तुरंत पद से हट जाएंगे।
मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन में 600 लोग शहीद हो गए हैं, लेकिन लोकसभा में शोक प्रस्ताव तक पास नहीं किया गया, जबकि कुतिया भी मरती है, तो दिल्ली के नेता शोक संदेश जारी करते हैं। जयपुर में सत्यपाल मलिक ने कहा कि देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला, जिसमें 600 लोग शहीद हो गए। लोग फेसबुक पर लिखते हैं कि आप जब इतना गलत महसूस करते हो, तो इस्तीफा क्यों नहीं देते? मैं कहता हूं कि क्या आपके पिता जी ने गवर्नर बनाया था।
वही वल्लभनगर और धरियावद सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार पर पार्टी की अंदरुनी सियासत गरमाई हुई है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने अकेले हार की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कुछ मामलों में केंद्रीय नेतृत्व से विश्लेषण की बात कहकर विरोधी खेमे पर पलटवार किया है।
पूनिया ने बातचीत में कहा कि एक व्यक्ति पर हार की जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती, पार्टी में सामूहिक फैसले होते हैं। पार्टी को जीत दिलाने का धर्म सभी का होता है। कुछ चीजों पर केंद्र को भी विश्लेषण करके देखना चाहिए। सतीश पूनिया ने हार के कारणों, पार्टी की गुटबाजी, वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी, उम्मीदवारों पर किए प्रयोग से होने वाले नुकसान सहित सियासी मुद्दों पर लंबी बातचीत की।