Manipur Violence: मणिपुर में दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के दिए आदेश, हिंसक घटनाएं जारी

Manipur Violence: मणिपुर में हो रही हिंसा के बीच सरकार ने नया आदेश दिया है। सरकार ने कहा कि विषण परिस्थियों में दंगाईयों को तुरंत गोली मारे।
Manipur Violence: मणिपुर में दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के दिए आदेश, हिंसक घटनाएं जारी
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Manipur Violence: मणिपुर में हिंसक घटना के बीच सरकार ने दंगाईयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। सरकार की ओर से जारी आदेश में साफ साफ लिखा है कि प्रशासन विषम परिस्थितियों में ही ऐसा कदम उठाए।

मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच कई दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार (3 मई) की रात ये तनाव हिंसा का रूप ले लिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए रातोंरात सेना और असम राइफल्स के कई दलों को फौरन तैनात किया गया।

राज्य में इंटरनेट बंद, कई जिलों में कर्फ्यू

एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

आखिर क्यों सुलग उठा मणिपुर?

मणिपुर की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) के बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी।

बता दें कि मार्च का आयोजन मणिपुर हाई कोर्ट के पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार हफ्ते के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया था।

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