कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री शांति धारीवाल ने एक दूसरे को खूब खरी-खोटी सुनाई,

दरअसल, दोनों मंत्रियों के बीच बढ़ते टकराव और तीखी बहस को देखते हुए साथी मंत्रियों को बीच-बचाव करना पड़ा।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री शांति धारीवाल ने एक दूसरे को खूब खरी-खोटी सुनाई,
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राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट का विवाद अभी तक थमा नहीं था कि अब गहलोत गुट के दो मंत्री मंत्रिपरिषद की बैठक में आपस में भिड़ गए। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और पीसीसी चीफ और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बैठक के बाहर निकलकर एक दूसरे को देख लेने की धमकी तक दे डाली । मंत्रिपरिषद की बैठक में हुई झड़प के दौरान सीएम को बीच में कैमरा बंद करना पड़ा। दरअसल, दोनों मंत्रियों के बीच बढ़ते टकराव और तीखी बहस को देखते हुए साथी मंत्रियों को बीच-बचाव करना पड़ा।

कैबिनेट कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के स्टेटस पर निर्णय लेने के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें गहलोत वर्चुअली जुड़े थे। डोटसरा ने बैठक के अंत में वैक्सीनेशन टॉपिक की चर्चा की और कहा कि कांग्रेस ने मुफ्त वैक्सीनेशन के लिए सोशल मीडिया कैंपेन लॉन्च किया है और जिला स्तर पर इस बाबत एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा जाना चाहिए।

धारीवाल ने तुरंत हस्तक्षेप किया और कहा

इसकी क्या जरूरत है, मंत्रियों का काम ज्ञापन देना नहीं है। डोटासरा ने इस हस्तक्षेप पर आपत्ति जताई और धारीवाल उत्तेजित हो गए।

मामला तब और बढ़ गया जब दोनों के बीच जुबानी जंग हो गई और राज्य के मंत्रियों को उन्हें शांत करने के लिए बीच-बचाव करना पड़ा। डोटासरा ने सीएम से कहा कि जिस मंत्री ने पार्टी अध्यक्ष को बोलने नहीं दिया और बैठक से निकलने ही वाले थे, उनके इस तरह के व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन सीएम ने उन्हें शांत किया और अपनी बात पूरी करने को कहा।

साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग करवा दिया, नहीं तो हाथापाई हो सकती थी।

मुख्यमंत्री ने दोनों को शांत रहने को कहा लेकिन विवाद फिर शुरू हो गया जब धारीवाल ने डोटासरा से कहा कि उन्होंने पार्टी के कई अध्यक्ष देखे हैं और वह जो चाहें कर सकते हैं। दोनों मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक को देख मुख्यमंत्री ने कैमरा बंद कर दिया।

कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद भी धारीवाल और डोटासरा बाहर तेज स्वर में भिड़ गए। मंत्रियों को खुलकर लड़ते देख वहां मौजूद सीएम आवास के सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी भी हैरान रह गए। साथी मंत्रियों ने दोनों को अलग करवा दिया, नहीं तो हाथापाई हो सकती थी।

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