राजस्थान में दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तिथि घोषित केंद्रीय चुनाव आयोग ने कर दी है। आयोग के जारी कार्यक्रम के मुताबिक प्रदेश की धारियाबाद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा,जबकि 2 नवंबर को मतगणना होगी ।
वही किसी भी विधायक-सांसद के निधन या इस्तीफे की वजह से खाली हुई सीट पर छह महीने में उपचुनाव करवाना अनिवार्य होता है। वल्लभनगर सीट पर जून अंत तक चुनाव होने जरूरी थे, लेकिन कोरोना के प्रकोप का हवाला देकर चुनाव आयोग ने विशेष छूट दी।
हालांकि इससे पहले तीन सीटों पर अप्रैल में ही उपचुनाव करवाए थे, लेकिन चुनाव आयोग ने वल्ल्भनगर सीट पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की। बाद में कोरोना का प्रकोप बढ़ गया और इस सीट पर उपचुनाव टल गए। इस बीच मई में धरियावद से बीजेपी विधायक गौतमलाल मीणा का निधन हो गया।
उपचुनावों का मंत्रिमंडल फेरदबल पर असर नहीं होगा, क्योंकि उदयपुर और प्रतापगढ़ जिलों से किसी कांग्रेस विधायक को मंत्री बनाने की संभावना न के बराबर है। हालांकि यह सब कांग्रेस हाईकमान पर निर्भर करेगा। उपचुनाव फेरबदल को खिसकाने का सियासी बहाना जरूर हो सकता है, लेकिन दो उपचुनाव तकनीकी रूप से फेरबदल में अड़चन नहीं बनेंगे। अब यह कांग्रेस नेतृत्व पर निर्भर करेगा कि वह उपचुनाव के दौरान ही फेरदबल करता है या फिर नवबंर तक इसे आगे बढ़ाता है।
वल्लभनगर सबसे हॉट सीट है। यहां पर पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए बड़ी चुनौती है। भिंडर इस सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों को यहां भीतरघात का खतरा है। कांग्रेस में यहां दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीती शक्तावत दावेदार है। प्रीति शक्तावत की दावेदारी का उनके जेठ देवेंद्र शक्तावत विरोध कर रहे हैं। देवेंद्र शक्तावत ने प्रीति शक्तावत को टिकट देने पर पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी है।
उपचुनावों में दोनों पार्टियां सहानुभूति कार्ड चल सकती हैं। दिवंगत विधायकों के परिवारों से ही टिकट दिए जा सकते हैं। कांग्रेस वल्लभनगर में दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी को टिकट दे सकती है। धरियावद में बीजेपी दिवंगत विधायक गौतम मीणा के परिवार से टिकट देने पर विचार कर रही है।