डेस्क न्यूज – जम्मू-कश्मीर में करीब 11 दिन रहकर सुरक्षा हालातों का जायजा लेकर लौटे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले। गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और अन्य सुरक्षा ब्यूरो के प्रमुखों के बीच आज बंद कमरे में बैठक हुई जहां कश्मीर के हालातों पर चर्चा हुई।
बता दें कि आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद चरणबद्ध तरीके से अब घाटी से कर्फ्यू हटाने का काम जारी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के अलावा गृह सचिव राजीव गौबा और सीनियर इंटेलीजेंस अधिकारी भी मौजूद रहे।
दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल कश्मीर घाटी में 11 दिन बिताने के बाद शुक्रवार को दिल्ली लौट आए। डोभाल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने के बाद योजनाओं का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर घाटी में थे। यही वजह है कि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अजीत डोभाल ने मीटिंग में वहां के हालातों से सरकार को रूबरू कराया होगा।
बता दें कि संसद से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को मंजूरी मिलने और धारा 370 को खत्म किए जाने से पहले ही सरकार ने घाटी में सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया था। साथ ही घाटी में शांति का मौहाल कायम रखने के लिए सरकार ने कर्फ्यू लगा रखा है। सप्ताह दिन पहले तक घाटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मगर समय-समय पर प्रतिबंधों में सरकार ढील बरतती रही है। सरकार का कहना है कि चरणबद्ध तरीकों से घाटी से कर्फ्यू हटाया जाएगा।
इधर, कश्मीर में सोमवार को प्रतिबंधों में और ढील दिए जाने पर कई स्कूलों में शिक्षक तो पढ़ाने पहुंचे लेकिन वहां ज्यादा छात्र नहीं दिखे। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने श्रीनगर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं जबकि घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षा बल अब भी तैनात हैं। समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सभी निजी स्कूल आज सोमवार को लगातार 15वें दिन भी बंद रहे क्योंकि पिछले दो दिन से यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर अभिभावक सुरक्षा स्थिति को लेकर आशंकित हैं। केवल बेमिना स्थित 'पुलिस पब्लिक स्कूल और कुछेक केन्द्रीय विद्यालयों में ही थोड़े बहुत छात्र पहुंचे।