न्यूज – पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा हो रही है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड प्रमुख नीतीश कुमार से विवाद के बाद पार्टी से बाहर किया गया है। हालांकि टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने इस बात की पुष्टि तो नहीं की है, लेकिन टीएमसी में उनके शामिल होने की संभावनाओं को सिरे से खारिज भी नहीं किया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की तरह प्रशांत किशोर भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की आलोचना करते रहे हैं। टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी ने बताया, 'प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के तौर पर पार्टी के लिए बेहद अच्छा काम किया है। अब वह टीएमसी से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में वह (प्रशांत किशोर) और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व फैसला करेंगे।'
टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि अगर प्रशांत किशोर पार्टी से जुड़ना चाहें तो उनका खुले दिल से स्वागत होगा क्योंकि उनके जैसा रणनीतिकार 2021 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से जुड़े, यह उपलब्धि होगी। मुझे नहीं लगता कि उनके पार्टी मंत शामिल होने से कोई परेशानी होगी।
इन दोनों के बारे में जेडीयू के प्रधान महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि पिछले कई महीनों से पार्टी के अंदर पदाधिकारी रहते हुए प्रशांत किशोर ने कई विवादास्पद बयान दिए जो पार्टी के फैसले के खिलाफ थे। वहीं पवन वर्मा को भी चिट्ठी विवाद के बाद पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।