राजस्थान में उपमुख्यमंत्री पद से कांग्रेस पार्टी प्रमुख के पद से बर्खास्त होने के बाद खामोश रहे सचिन पायलट आखिरकार सोमवार 20 जुलाई को बाहर आ गए। पायलट ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि राजस्थान में उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हें बदनाम करने की साजिश चल रही है। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों के खिलाफ मानहानि और कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है।
दरअसल, कांग्रेस विधायक ने अब पायलट पर 35 करोड़ रुपये की पेशकश की बात की है। पायलट ने अपने ताजा बयान में कहा कि मैं इस तरह के आरोपों से दुखी हूं, लेकिन हैरान नहीं हूं। ऐसे आरोपों में, छवि को धूमिल करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मैं अभी कांग्रेसी हूं।
सचिन पायलट की यह प्रतिक्रिया राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस बयान के ठीक बाद आई है, जिसमें उन्होंने पायलट पर अब तक का सबसे बड़ा मौखिक हमला कहा था। गहलोत ने मीडिया के बीच एक बातचीत में कहा कि ऐसी स्थिति इसलिए आई क्योंकि आज हमारे ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट अदालत पहुंचे।
उन्होंने कहा कि पायलट 7 साल तक राज्य के अध्यक्ष रहे, आलाकमान को उन पर बहुत भरोसा था, लेकिन पिछले 6 महीनों में, उन्होंने भाजपा के साथ पार्टी से अलग होने की साजिश रची। उन्होंने यह भी कहा कि हम जानते थे कि वह अप्रभावी थे, फिर भी उन्होंने पिछले सात वर्षों में एक बार भी प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग नहीं की।
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